जम्मू वायुसेना अड्डे पर ड्रोन का इस्तेमाल किये जाने का मुद्दा भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में उठाया है।
जम्मू वायुसेना अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में रविवार तड़के दो विस्फोट हुए थे। हवाई पट्टी के अंदर विस्फोटक उपकरण गिराने में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोट में भारतीय वायुसेना के दो कर्मचारी मामूली रूप से घायल हुए थे।
विस्फोट से किसी उपकरण या विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
केन्द्र सरकार ने ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण-एनआईए को सौंप दी है।
भारत ने आतंकी गतिविधियों के लिए ड्रोन की मदद से जम्मू में वायु सेना केन्द्र पर विस्फोट की घटना के बाद ये मुद्दा उठाया है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत ने कहा है कि ड्रोन पर कम लागत आती है और ये आसानी से उपलब्ध हो जाता है । आतंकी गुट खुफिया जानकारी लेने, विस्फोटक पहुंचाने और लक्षित हमले करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
आतंकी गतिविधियों में ड्रोन का प्रयोग विश्व भर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरा बन गया है।
गृहमंत्रालय में विशेष सचिव वी.एस.के. कुमुदी ने सदस्य देशों के आतंकवाद रोधी एजेंसियों के प्रमुखों के दूसरे संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
कुमुदी ने कहा कि आतंकी गतिविधियों के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का गलत इस्तेमाल, भुगतान के नये तरीकों का गलत उपयोग और आतंकवाद के लिए तमाम माध्यमों से धन मुहैया कराना आतंकवाद के सर्वाधिक गंभीर खतरे के रूप में सामने आए हैं।
विशेष सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देते हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा कि पाकिस्तान से अपने क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने वाले आतंकी गुटों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए कहने का उचित समय आ गया है। Image courtesy AIR
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