नई दिल्ली, 27 अप्रैल | प्रस्तावित दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता को संसद की स्थायी संयुक्त समिति ने मंजूरी दे दी है और वर्तमान बजट सत्र में ही इस पर संसद में चर्चा हो सकती है। यह बात केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति की एक बैठक में बुधवार को कही। मंत्रालय के बयान के मुताबिक, मंत्री ने बैठक में कहा कि सरकारी बैंकों के बढ़ते बुरे ऋण से निपटने के लिए सरकार जो कदम उठा रही है, यह उन्हीं में से एक कदम है।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता विधेयक-2015 का मकसद केवल एक दिवाला संहिता लागू करना और शोधन अक्षमता मामलों को एक समय सीमा में निपटाना है।
विधेयक में मामले के निपटाने के लिए 180 दिनों की सीमा रखी गई है, जिसे 90 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
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