नई दिल्ली, 03 मार्च (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को लोकसभा में विपक्ष पर आक्षेप करते हुए इन्दिरा गांधी के एक भाषण का हवाला देते हुए कहा “मुझे लगता है, जाने ऐसा क्यों है कि हम लोग अपने देश की इमेज ऐसे बनाते हैं जैसे हम भीख का कटोरा लेकर निकले हों और जब हम खुद ऐसा कहते हैं तो दूसरे लोग यही बात और ज्यादा चीख कर कहते हैं, और ज्यादा मजबूती से कहते हैं। यह मैं नहीं कह रहा हूं श्रीमती इंदिरा गांधी कहती थी, ये 1974 में इंद्रप्रस्थ के कॉलेज ये भाषण दिया था।
मेरी मांग है कि हम कोई भी नई योजना लाएं, नए तरीके से लाएं तो कुछ लोगों को उम्र तो बढ़ती है लेकिन समझ नहीं बढ़ती है तो समझने में बड़ी देर लगती है। कुछ लोगों का ऐसा रहता है…. और इसलिए चीजें समझने में बड़ा समय लगाते हैं और समय बीतने के बाद भी चीजें समझ नहीं पाते हैं। और इसलिए अच्छा रहता है कि विरोध करें।
इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि हमारे देश में बहुत सी दिक्कतें हैं। अधिकतर ऐसी हैं जो बहुत पुरानी हैं, गरीबी, पिछड़ापन, अंधविश्वास, कुछ गलत परंपराएं, कुछ समस्याएं, विकास और तरक्की के साथ भी आई हैं लेकिन इस देश की सबसे बड़ी चुनौती है तेजी से हो रहे बदलाव का विरोध। ये विरोध पढ़ा-लिखा तबका भी बहुत मुखर तरीके से करता है। जैसे ही कोई खास काम आगे बढ़ता है, 100 कारण बताए जाने लगते हैं कि यह काम क्यों नहीं करना चाहिए। मुझे लगता है कि मजबूत और ऊंची दीवार ने हम सबको चारों तरफ से घेर कर रखा है। कितनी सटीक बात है और यह बात भी1968 में इंदिरा गांधी ने कही थी।
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