संसद में रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश नहीं होगा

नई दिल्ली, 21 सितंबर (जस)। केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् ने निर्णय लिया है कि भविष्य में आम बजट के साथ ही रेल बजट संसद में पेश किया जाएगा। इससे पूर्व सरकार रेल बजट और आम बजट अलग-अलग दिन पेश करती थी।

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार सैद्धांतिक रूप से इस बात को मानती है कि रेल बजट को आम बजट में मर्ज कर दिया जाए तथा संपूर्ण बजट प्रकिंया हर साल 31 मार्च से पहले पूरी करली जाए।

उल्लेखनीय है कि भारत में बजट वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच निर्धारित किया गया है किंतु संसद की संपूर्ण कार्यवाही और मंजूरी मिलने के बाद इसे एक जून से लागू किया जाता है।
जेटली ने बताया कि सरकार इस पक्ष में है कि बजट की पूरी प्रक्रिया अर्थात् बजट का सदन में प्रस्तुत करना, उस पर चर्चा होना, बजट का पारित होना और अंत में फाइनेंस बिल स्वीकृत होना, यह सभी काम 31 मार्च से पहले पूरे हो जाएंगे।

उन्होंने बताया कि हर पांच साल में कुछ विधानसभाओं के चुनाव सामने आते हैं। ऐसे चुनाव 2007 और 2012 में हो चुके हैं और अब पुनः 2017 में कुछ विधानसभाओं के चुनाव होने जारहे हैं। इसलिए इस साल के आम बजट की तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।