संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ने की संभावना

दिल्ली, 9 मई | संसद में  इस हफ्ते उत्तराखंड के वर्ष 2016-17 के बजट पर प्रस्तावित चर्चा और शत्रु संपत्ति विधेयक को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ने की संभावना है। संख्या बल के हिसाब से राज्यसभा में विपक्षी दल मजबूत हैं और वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार को परेशान करने के लिए तैयार हैं। विपक्षी सदस्यों ने कहा है कि वे शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं प्रमाणीकरण) विधेयक को पारित होने देने में अड़चन डाल सकते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर हरीश रावत सरकार के विश्वासमत हासिल करने के लिए होने जा रहे शक्ति परीक्षण के एक दिन पहले उत्तराखंड के बजट पर चर्चा गैर संवैधानिक है।

तिवारी ने कहा, “सरकार को शक्तिपरीक्षण का परिणाम आने का इंतजार करना चाहिए।”

उत्तराखंड में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य का बजट पारित करने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी है।

सूत्रों के अनुसार संसद के बजट सत्र के आखिरी हफ्ते अपहरण विरोधी (एंटी-हाईजैकिंग), इंडियन ट्रस्ट (संशोधन) और बाल श्रम (संशोधन) विधेयक भी पारित होने हैं।

राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य के. रहमान खान, हुसैन दलवई और पी. एल. पुनिया पहले ही शत्रु संपदा विधेयक 2016 पर प्रवर समिति की रिपोर्ट से असहमति नोट लगा चुके हैं।

भाजपा सदस्य भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में तैयार इस रिपोर्ट को छह मई को पेश किया गया था।

जनता दल (यूनाइटेड) के के. सी. त्यागी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा और समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने भी कांग्रेस के सदस्यों की तरह ही इस रिपोर्ट से अपनी असहमति जताई है।

शत्रु संपदा कानून-1968 में संशोधन के लिए गत सात जनवरी को शत्रु संपदा अध्यादेश, 2016 जारी किया गया था।

लोकसभा से यह विधेयक मार्च में ही पारित हो चुका है।