श्रीनगर 7, जनवरी । दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के सम्मान में में राज्य में सात दिन के शोक की घोषणा की गई है। राज्य सरकार के सभी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में अवकाश रहेगा। सभी इमारतों और स्थानों पर शोक के दौरान राष्ट्रीय और राज्य झंडे को आधा झुकाया जाएगा।
शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में शाम को मुख्यमंत्री के नमाज-ए-जनाजा में महबूबा मुफ्ती सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
12 जनवरी 1936 को जन्मे, मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में 1 मार्च 2015 को दूसरी बार शपथ ली थी। वह 2002 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। उनका एक शानदार राजनीतिक जीवन था।
मुफ्ती सईद ने इससे पहले केंद्रीय गृह और पर्यटन मंत्री के रूप में भी कार्य किया था।
पीडीपी के नेता सईद पहली बार साल 2002-05 तक के लिए कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे। ।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर व भारत के लोगों की सेवा के लिए सईद का योगदान याद किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सईद के अनुकरणीय नेतृत्व का प्रभाव लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण रूप से पड़ा।” उन्हें स्टेट्समैन करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मुफ्ती साहब ने जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का काम किया।”
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “मानवता व सार्वजनिक जीवन में मुफ्ती जी का योगदान सदा स्मरण किया जाएगा।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक ब्रि.सुचेत सिंह ने पीडीपी के संरक्षक व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने उनके परिवार के साथ सात्वंना प्रकट करते हुए कहा कि भगवान उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
ब्रिगेडियर सुचेच सिंह ने अपने संदेश मे कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद एक दूरदर्शी नेता थे जिनका एक लम्बा तथा सफल राजनीतिक जीवन रहा है। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने राज्य की राजनीति को एक नई दिशा प्रदान की।
कार्यकाल के दौरान दिवंगत होने वालों में सईद तीसरे मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले जी.एम.सादिक की 1971 में और शेख अब्दुल्ला का 1982 में निधन हो गया था।
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