NSA Ajit Doval

सऊदी समारोह में डोभाल की मौजूदगी ने दिए कई कूटनीतिक संदेश

नई दिल्ली, 23 सितम्बर | भारत की विदेश और रणनीतिक नीतियों में सऊदी अरब के बढ़ते महत्व का अंदाजा एक बार फिर उस वक्त हुआ जब यहां एक पांच सितारा होटल में सऊदी अरब के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने पहुंचकर सभी को चौंका दिया। उन्हें सऊदी अरब के राजदूत से लंबी बातचीत करते देखा गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और देश की विदेश नीति में मजबूत दखल रखने वाले डोभाल आम तौर से समारोहों-महफिलों से दूर रहते हैं। इसलिए कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी का नोटिस लिया गया।

डोभाल और सऊदी अरब के राजदूत सऊद अल-सती के बीच करीब 20 मिनट तक बात हुई। इसे खाड़ी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण देशों में से एक सऊदी अरब के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की कवायद के रूप में देखा गया।

सऊदी अरब, पाकिस्तान का परंपरागत सहयोगी और मदद देने वाला रहा है। भारत से भी उसके संबंध और मजबूत हुए हैं और उड़ी हमले की विश्वव्यापी भर्त्सना में सऊदी अरब की आवाज भी शामिल रही है।

गुरुवार को अपने संदेश में सऊदी राजदूत ने भारत के साथ उनके देश के मजबूत सुरक्षा सहयोग का जिक्र किया और कहा कि यह सहयोग सिर्फ दोनों देशों और क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि इसके परे भी काफी मायने रखता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ा रहे हैं और आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

इसी साल अप्रैल में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का बेहद गर्मजोशी से स्वागत हुआ था। उन्हें सऊदी अरब के शाह सलमान ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा था। सऊदी अरब में भारतीय कामगारों की नौकरी चली जाने की स्थिति में खुद शाह सलमान ने मदद का हाथ बढ़ाया था। 2014 में युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को निकालने में भी सऊदी अरब ने मदद दी थी।

सऊदी अरब और पाकिस्तान के संबंध बेहद घनिष्ठ हैं। लेकिन, इसके साथ ही सऊदी अरब, भारत को अपना रणनीतिक और निवेश सहयोगी मान रहा है और संबंधों का दायरा महज ऊर्जा क्षेत्र तक सीमित न कर इसे काफी व्यापक बना रहा है।        –आईएएनएस

(फाइल फोटो)