सड़कों पर थूकने और कचरा फैलाने वालों को दंडित करने की योजना

नई दिल्ली, 20 अप्रैल | ‘सड़कों पर थूकने और कचरा फैलाने वाले लोगों को दंडित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।’ यह जानकारी देते हुए स्वच्छ भारत अभियान (शहरी) के निदेशक प्रवीण प्रकाश ने कहा कि देश को साफ रखने के इस अभियान के तहत भारतीय शहरों में हर 500 मीटर की दूरी पर शौचालय और कूड़ेदान लगाए जाएंगे।

विश्व के कई विकसित देशों में साफ-सफाई से संबंधित नियमों के उल्लंघन के खिलाफ सजा निर्धारित है।

प्रवीण ने आईएएनएस को साथ एक साक्षात्कार में कहा, “दो अक्टूबर, 2014 में लांच किए गए अभियान ने तेजी से विकास किया और यह अपने सभी लक्ष्यों को हासिल कर लेगा।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य शहरों में हर 500 मीटर की दूरी पर कूड़ेदान और शौचालय उपलब्ध कराना है। हम लोगों के बीच इसके प्रति जागरुकता बढ़ाने पर भी ध्यान देंगे।”

प्रवीण ने कहा कि सरकार लोगों को साफ-सफाई के नियमों का अभ्यास कराने हेतु इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंड निर्धारित करने पर विचार कर रही है।

निदेशक ने हालांकि, यह भी कहा कि पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने और लोगों के बीच जागरुकता जगाने के बाद ही दंड लागू किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, “इन्हें शुरुआती दौर में पहले एक क्षेत्र में और उसके बाद 10 क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। इसके पश्चात बाद में इन्हें पूरे शहर में लागू किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को लांच किया था, जिसमें इसके लक्ष्यों को दो अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन तक पूरा करने की बात भी कही गई थी।

इस अभियान के तहत 1.04 करोड़ व्यक्तिगत शौचालयों और 508,000 समुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करना है। इसके साथ ही 4041 नामित शहरों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का 100 प्रतिशत वैज्ञानिक निपटान को सुनिश्ति करना भी एक लक्ष्य है।

इस अभियान के तहत लोगों द्वारा खुले में शौच की आदत को कम करना भी एक लक्ष्य है।

आंध्र प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी प्रवीण ने इस बात को स्वीकार किया कि अभियान को लागू करने का प्रयास पहले वर्ष में धीमा हो गया था।

प्रवीण ने आगे कहा, “नीतियों के निर्माण और प्रशासनिक कमियों को दूर करने के क्रम में पहले वर्ष अभियान को लागू करने का प्रयास धीमा हो गया था। हम दो अक्टूबर, 2019 तक इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आश्वस्त हैं।”

इस अभियान के विकास हेतु प्रधानमंत्री के कार्यालय के काम की तारीफ करते हुए प्रवीण ने कहा कि यह काम मुश्किल है, लेकिन इसे हासिल कर लिया जाएगा।

प्रवीण ने कहा, “मैंने महसूस किया है कि इस क्षेत्र में पिछले 65 साल में केवल 15 प्रतिशत तक ही काम हुआ है और हमारा लक्ष्य है कि बाकी बचा 85 प्रतिशत काम हमें पांच साल में करना है। मैं आश्वस्त हूं कि इस लक्ष्य को हम तय समय के भीतर हासिल कर लेंगे।”

निदेशक ने बताया कि इस अभियान में निजी क्षेत्र के लोग भी शामिल हो रहे हैं।

इस अभियान की आलोचना करने वालों के खिलाफ निशाना साधते हुए प्रवीण ने कहा, “हमने पहले से ही 12 लाख शौचालयों का निर्माण कर दिया है और इस तेजी से इस ओर काम कर रहे हैं। इस अभियान की आलोचना करने वालों को 2019 तक इंतजार करना चाहिए, उसके बाद हम उन्हें जवाब देंगे।”(आईएएनएस)