सफाई में मैसूर और गंदगी में धनबाद ने बाजी मारी

नई दिल्ली, 15 फरवरी (जनसमा)। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 2014 में कराए गए सर्वे के अनुसार कर्नाटक का मैसूर शहर सफाई की दृष्टि से टॉप पर है। जबकि दूसरे स्थान पर चण्डीगढ़, फिर तिरुचिरापल्ली और चौथे स्थान पर दिल्ली का एनडीएमसी एरिया है।

फोटो: मैसूर का वृन्दावन उद्यान

चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक प्राचीन नगर और प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी गंदगी के दृष्टि से टॉप टेन में शामिल है और वह 9वें स्थान पर है।

सफाई की दृष्टि से टॉप टेन शहरों की सूची इस प्रकार हैः- मैसूर, चण्डीगढ़, तिरुचिरापल्ली, नई दिल्ली नगर निगम, विशाखापटनम्, सूरत, राजकोट, गंगटोक, पिपरी छिंदवाड़ और ग्रेटर मुम्बई।

शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार देश में गंदगी की दृष्टि से जो 10 शहर आते हैं उनमें सबसे ज्यादा गंदा शहर धनबाद, उसके बाद आसनसोल, ईटानगर, पटना, मेरठ, रायपुर, गाजि़याबाद, जमशेदपुर, वाराणसी और कल्याण डोंबीवली है।

मंत्रालय ने स्वच्छता की रैंकिंग के लिए 73 शहरों के सफाई के कामकाज का सर्वे किया था।

इस सूची को जारी करते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि यह देश के शहरों में स्वच्छता की दृष्टि से एक-दूसरे में प्रतिस्पर्धा पैदा करना है ताकि हर शहर अपनी स्वच्छता की रैंकिंग बढ़ा सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य किसी शहर या राज्य को नीचा दिखाना नहीं है। उन्होंने इस सर्वे कार्यक्रम में नगर निगमों और पालिकाओं के उच्चाधिकारियों के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।

वैंकेया नायडू ने आशा व्यक्त की कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत देश के शहर और उनके नागरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक होंगे और अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।