नई दिल्ली, 21 जनवरी। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस वर्ष अप्रैल तक सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हो जाएगा। सरकार ने दावा किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार और इसको अधिक पारदर्शी बनाने के लिए पिछले 19 महीनों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो गेहूं और 3 रुपए प्रति किलो चावल देने वाले राज्यों की संख्या पिछले वर्ष 11 से बढ़कर 25 हो गई थी। उन्होंने कहा कि राशन कार्डों का डिजिटीकरण पीडीएस को लीक प्रूफ बनाने की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण घटक है। अभी तक देश भर में 97 प्रतिशत राशन कार्डों का डिजिटीकरण किया जा चुका है। शीघ्र ही यह शत-प्रतिशत हो जाएगा।
सभी 36 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में पीडीएस संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी है। प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) की व्यवस्था चंडीगढ़ और पुदुचेरी में इस साल सितंबर में शुरू की जाएगी।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पुनर्गठन के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर अधिक से अधिक किसानों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए धान खरीद नीति में संशोधन किया गया। इसके परिणामस्वरूप चालू खरीफ मौसम में धान की बड़ी मात्रा में खरीद की गई है। सरकार ने भारी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत देने के लिए गेहूं की खरीद के नियमों में छूट दी है।
किसानों को गन्ना मूल्य की बकाया राशि के भुगतान के लिए किए गए निरंतर प्रयासों के कारण बकाया राशि 21,000 करोड़ रुपये से घटकर 2014-15 के गन्ना सत्र के दौरान 12 जनवरी, 2016 को 2700 करोड़ रुपये रह गई है।
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