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सभी राज्यों में राशन कार्डों का ब्यौरा पारदर्शी पोर्टल पर उपलब्ध : पासवान

नई दिल्ली, 12 मई (जनसमा)। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए सरकार टीपीडीएस से जुड़े परिचालनों का शुरू से अंत तक कंप्यूटरीकरण कर रही है। इसके परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों के दौरान राज्यों द्वारा बड़ी संख्या में बोगस कार्डों को खारिज किया गया है जिससे तकरीबन 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के अनाज को अब बेहतर ढंग से लक्षित किया जा रहा है। यह जानकारी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने आज यहां अपने मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए दी।

पासवान ने कहा कि केंद्र पीडीएस को आधुनिक एवं उपभोक्ता अनुकूल बनाने के लिए राज्य सरकारों से लगातार इस ओर ध्यान देने को कह रहा है। इसके तहत कंप्यूटरीकरण के लिए 884 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना पर काम शुरू किया गया है। अब तक उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की गई हैं। सभी राज्यों में राशन कार्डों का पूरी तरह से डिजिटलीकरण कर दिया गया है और कार्ड का ब्यौरा सभी राज्यों के पारदर्शी पोर्टल पर उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि 25 राज्यों में राशन डीलरों को अनाज का ऑनलाइन आवंटन किया जा रहा है। 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सप्लाई-चेन को कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ऑनलाइन शिकायत निवारण सुविधा अथवा टोल-फ्री हेल्पलाइन शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्यों से राशन कार्डों के डेटाबेस में आधार नम्बरों को समाहित करने का आग्रह किया गया है। मौजूदा समय में इस तरह की व्यवस्था राष्ट्रीय स्तर पर 54.79 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है।

मंत्री ने कहा कि लीकेज एवं अन्यत्र उपयोग रोकने के लिए केंद्र बॉयोमीट्रिक उपकरण लगाकर उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) का स्वचालन करने के लिए भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से लगातार कह रही है। उन्होंने कहा कि अब तक देश भर में 1,11,772 एफपीएस का स्वचालन किया गया है और मार्च, 2017 तक यह संख्या बढ़कर 3,06,526 एफपीएस के स्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना है।

(फाईल फोटो)