लखनऊ, 20 सितंबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। अखिलेश ने हालांकि परिवार में छिड़े संग्राम को लेकर कहा कि ‘आप लोग परेशान न हों, समाजवादी परिवार जैसा था, वैसा ही है। कुछ भी बदला नहीं है।’ अखिलेश ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की भी संक्षिप्त जानकारी दी, मगर वह मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। इस दौरान उनके चाचा वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव भी मुख्यमंत्री के साथ खड़े थे।
कैबिनेट की बैठक में शिवपाल यादव, आजम खां, महबूब अली, अरविंद सिंह गोप, राजेंद्र चौधरी भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने हाईकोर्ट में वकालत करने वाले सरकारी वकीलों की फीस और भत्ते बढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही आने वाले समय में जिला स्तर पर सरकारी अधिवक्ताओं के भी ये लाभ उसी अनुपात में बढ़ाए जाएंगे।
फाइल फोटो : आईएएनएस
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला हुआ है, जिसमें होम्योपैथिक में 300 शिक्षक संविदा पर नियुक्त करने और हाईकोर्ट के सरकारी वकीलों की फीस वृद्धि का प्रस्ताव भी था। वहीं कैबिनेट की बैठक में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी पेश किया गया।
बैठक में सुपारी, कत्था की खरीद पर एक लाख रुपया तक वैट लगाने के साथ तिलहन व दलहन पर बुंदेलखंड में और छूट के प्रस्ताव पर मुहर लगी। दाल की स्टॉक लिमिट तीन महीने में बढ़ाने को हरी झंडी मिली।
इसके साथ ही निजी स्कूलों में दाखिला पाने वाले छात्रों के यूनिफार्म और किताबों के लिए सरकार सालाना पांच हजार रुपये देगी, वहीं हस्तशिल्पियों की पेंशन एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपये की गई है।
उन्होंने कहा, “तमाम चर्चाए हुई हैं, ना केवल प्रदेश में बल्कि देश में भी। मैं जनता, प्रेस, और पार्टी नेताओं तथा पदाधिकाारियों के सामने कहूंगा कि यह समाजवादी परिवार पहले जैसा था, वैसा ही है और रहेगा।”
अखिलेश ने कहा कि आने वाले समय में हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। हम समाजवादी परिवार के लोग हैं। कुछ सांप्रदायिक ताकतें हैं, जो घुसना चाहती हैं किसी रास्ते से। हम सब मिलकर राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाकर काम करेंगे। आगामी चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी की एक बार फिर से सरकार बनवानी है। –आईएएनएस
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