सैन फ्रांसिसको, 28 मई। माइक्रोसॉफट और फेसबुक ने अटलांटिक महासागर के अंदर एक तरफ से दूसरी तरफ 6,600 किलोमीटर लंबी नई और अत्याधुनिक केबल बिछाने के लिए हाथ मिलाया है, ताकि हाई स्पीड इंटरनेट की मांग को पूरा किया जा सके। इस केबल के बिछने के बाद दोनों ही कंपनियां बेहतर उच्च और भरोसेमंद गति से क्लाउड और आनलाइन सेवाएं मुहैया कर पाएंगी।
कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि 6,600 किलोमीटर लंबी एमएआरईए केबल आठ फाइबर जोड़ीयुक्त और 160 टीबीपीएस की शुरुआती गति क्षमता प्रदान करने वाली होगी।
इस केबल के बिछाने का काम अगस्त 2016 में शुरू होगा और इसके अक्टूबर 2017 में पूरा होने की उम्मीद है।
माइक्रोसॉफ्ट कार्प. के महाप्रबंधक (डेटा सेंटर स्ट्रेटेजी, योजना और विकास) क्रिस्टीन बेलाडे ने बताया, “दुनिया तेजी से क्लाउड कम्प्यूटिंग आधारित भविष्य की तरफ बढ़ रही है। माइक्रोसॉफ्ट वर्तमान और भविष्य की क्लाउड कम्प्यूटिंग की मांग को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखेगा। इसके तहत 200 से ज्यादा क्लाउड सेवाएं मुहैया कराई जाएगी जिनमें बिंग, ऑफिस 265, स्काइपी, एक्सबॉक्स लाइव और माइक्रोसॉफ्ट एजूरे प्लेटफार्म प्रमुख है।”
माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक ने इंटरनेट की अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के विकास, डेटा के खपत में हो रही बेतहाशा वृद्धि और अपने-अपने क्लाउड और ऑनलाइन सेवाओं के तेजी से विकास के लिए साथ मिलकर इस केबल को बिछा रहे हैं।
समुद्र के अंदर इस केबल प्रणाली को एक नई दूरसंचार बुनियादी ढांचा कंपनी टेलीफोनिका की नई कंपनी तेलसियस संचालित और नियंत्रित करेगी, जो पहली बार अमेरिका को दक्षिणी यूरोप से जोड़ेगी। यह केबल उत्तरी वर्जीनिया को बिलवाओ, स्पेन और यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के नेटवर्क हब से जोड़ेगी।
तेलसियस इस प्रणाली का संचालन करेगी और अपने थोक बुनियादी ढांचे के व्यापार के तहत इस क्षमता की बिक्री करेगी।
फेसबुक के नेटवर्क इंजीनियरिंग के उपाध्यक्ष नजम अहमद के मुताबिक कंपनी दुनिया भर के अपने उपभोक्ताओं को अच्छी रफ्तार की इंटरनेट और कंपनी की सेवाओं का शानदार अनुभव उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। (आईएएनएस/सिन्हुआ)
अहमद आगे कहते हैं, “हम सबसे बेहतर संभव कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिए नई तकनीक और प्रणालियों का हमेशा मूल्यांकन करते रहते हैं। माइक्रोसॉफ्ट और तेलसियस के साथ हमने सबसे अच्छे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के लिए हाथ मिलाया है जिससे आखिरकार नवाचार की गति में वृद्धि होगी।”
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