चण्डीगढ़, 21 सितम्बर (जस)। हरियाणा सरकार विभिन्न विभागों और एजेंसियों में सूचना सुरक्षा प्रबंधन जरूरतों के लिए आगामी तीन वर्षों में लगभग 28.60 करोड़ रूपये खर्च करेगी ताकि प्रदेश के कार्यालयोंं को साइबर सुरक्षा प्रदान की जा सके। यह सुरक्षा व्यवस्था सूचना सुरक्षा प्रबंधन कार्यालय द्वारा मुहैया करवाई जाएगी, जिसमें आईटी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा प्रबंधन, सुरक्षा प्रयोगशाला, सुरक्षा संचालन केंद्र, सतत् भेेद्यता प्रबंधन एवं प्रशासन, जोखिम और अनुपालन तंत्र की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
यह जानकारी सोमवार को हरियाणा के मुख्य सचिव डी एस ढेसी की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय स्टेयरिंग -आईटी प्रिज़्म की बैठक में दी गई । बैठक में गृह विभाग के आईटी प्लान को मंजूरी प्रदान की गई, जिसके तहत अगले पांच सालों में आईटी सॉफ्टवेयर के विकास और मरम्मत पर 2.36 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे। इस योजना के लागू होने से विभाग की सेवाएं आनलाइन हो जायेंगी तथा विभिन्न सेवाओं के आवेदकों को अपने आवेदनों की आनलाइन स्थिति भी प्राप्त हो सकेगी इसके अंतर्गत ऑनलाइन प्रमाण पत्र सेवा, एकीकृत डेटाबेस भी तैयार किया जा सकेगा।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा के 100 गांवों के सामान्य सेवा केन्द्रों में जल्द ही वाई फाई सुविधा शुरू की जायेगी। इस उदेश्य के लिए प्रदेश के 79 गांवों को एनओएफएन से जोड़ा चुका है। इसके अलावा, बैठक में राज्य सरकार की आईटी रिसार्स नीति को भी स्वीकृति प्रदान की गई हैं। इस नीति के तहत आईटी संसाधनों का प्रयोग अंतिम प्रयोगकर्ता तक तथा सरकार के आईटी संसाधनों को सही प्रकार से उपयोग करना तथा दुरूपयोग को रोकना सुनिश्चित करने का लक्ष्य हैं। इस नीति के अंतर्गत केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा संसाधनों के उपयोग को मुहैया करवाने के लिए उपयोगकर्ता के साथ समझौता होगा।
यह नीति हरियाणा सरकार के सभी कर्मचारियों, राज्य और यूटी सरकारों जो हरियाणा सरकार के आईटी संसाधनों का प्रयोग करेंगें तथा भविष्य में इस नीति का चयन करेंगें, पर लागू होगी। इस नीति के अंतर्गत सार्वजनिक उपक्रमों, बोर्डों, निगमों तथा एजेंसियों के साथ-साथ अनुबंधित तथा अन्य कोई भी कर्मचारी जो सार्वजनिक कोष से भत्ता ले रहा है, को कवर किया जाएगा।
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