श्रीनगर, 24 जुलाई | केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार जम्मू एवं कश्मीर के साथ मजबूरी का कोई रिश्ता नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा रिश्ता चाहती है जो भावनाओं पर आधारित हो।
राजनाथ सिंह ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। पूर्व मुख्यमंत्री उमर उब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कांफ्रेस (नेकां) के प्रतिनिधिमंडल ने भी श्रीनगर के नेहरू गेस्ट हाउस में राजनाथ से मुलाकात की।
सिंह ने पीपुल्स डेमोकेट्रिक पार्टी (पीडीपी) के प्रतिनिधिमंडल और कश्मीर के कुछ अन्य राजनेताओं से भी मुलाकात की।
उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, वरिष्ठ नौकरशाह, पुलिस अधिकारियों और अर्ध सैनिक बलों के अलावा राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
राजनाथ ने अशांत कश्मीर घाटी के दो दिवसीय दौरे के समापन पर यहां संवाददाताओं से कहा, “हम कश्मीर के साथ कोई मजबूरी का रिश्ता नहीं बनाना चाहते, बल्कि भावनात्मक रिश्ता विकसित करना चाहते हैं।”
राजनाथ ने घाटी का दौरा ऐसे समय में किया है, जब आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सड़कों पर भड़के विरोध प्रदर्शनों में अबतक 45 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, और हजारों की संख्या में घायल हो चुके हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाता है, दूसरी ओर कश्मीर में युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने कहा, “इसे रोका जाना चाहिए। पाकिस्तान की भूमिका ठीक नहीं है। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के बारे में अपनी आदत और सोच बदलनी चाहिए।”
राजनाथ ने अशांति के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति शोक संवेदनना भी व्यक्त की। उन्होंने सुरक्षा बलों से आग्रह किया कि उन्हें गोलीबारी से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में लोगों के भीतर मतभेदों को दूर करने के लिए एक संवाद शुरू किया जा सकता है।
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