नई दिल्ली, 24 फरवरी (जनसमा)। संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में बुधवार को विपक्ष की ओर से बोलते हुए कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार एक तरफ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का प्रचार कर रही है दूसरी तरफ छात्रों पर अत्याचार कर रही है।’’
केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद सरकार और मंत्री रोहित वेमुला को ‘दलित नहीं’ सिद्ध करने पर लगे हुए थे।
सिंधिया ने प्रधानमंत्री पर भी जमकर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने भी नौजवान छात्र की आत्महत्या के बाद 5 दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी और जब उनके ‘मन की बात’ का समय आया तो उसमें उस घटना का कोई जिक्र ही नहीं किया।’’ उन्होंने इस मामले से जुड़े मंत्रियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘इस बारे में राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस समस्या पर हम सबको मिलकर सोचना होगा।’’
देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेता कन्हैया कुमार के बारे में बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि कन्हैया पर देशद्रोह का आरोप गलत लगाया गया है जबकि नारेबाजी से जुड़े वीडियो क्लिप में छेड़छाड़ की गई है। नारे देना अपराधीकरण और राजद्रोह की श्रेणी में नहीं आता।
सिंधिया ने कहा कि कन्हैया पर सिर्फ इसलिए देशद्रोह लगाया गया कि उसने एबीवीपी के छात्र को छात्रसंघ के चुनाव में हराया था। उन्होंने कहा कि साक्षी महाराज जैसे लोग जो महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाने की बात कहते हैं, क्या यह राष्ट्रदोह नहीं है?
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ आठ छात्रों के कथन के आधार पर जेएनयू के आठ हजार छात्रों पर कलंक लगाया जा रहा है।’’ उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर भी हमलो बोलते हुए कहा, ‘‘गृहमंत्री ने जेएनयू की घटना में हाफिज सईद के फर्जी ट्वीट को सही मानते हुए इसमें उसका हाथ होने की बात तक कह दी।’’
सिंधिया ने कहा, ‘‘सरकार चाहती है कि जेएनयू की आवाज बंद कर दी जाए क्योंकि जेएनयू के छात्रों ने रोहित वेमुला का मुद्दा उठाया था।’’
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