सरकार ने कृषि ऋण लक्ष्य 9 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाया : राधामोहन

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि किसानों की ऋण संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को संस्थागत दायरे में लाने के लिए वर्ष 2016-17 के संबंध में सरकार ने कृषि ऋण लक्ष्य 9 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याएं हल करने के लिए सरकार दीर्घकालिक उपाय कर रही है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने नई दिल्ली के पूसा स्थित एनएएससी-आईसीएआर संस्थान में आयोजित दो दिवसीय खरीफ सम्मेलन में उक्त बात कही। कृषि मंत्री ने बताया कि पहली बार इस सम्मेलन में कृषि और संबंधित क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।

सिंह ने उल्लेख किया कि बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन इसके बावजूद 2014-15 में 252.02 मिलियन टन अनाज उत्पादन की तुलना में अग्रिम अनुमान (15.02.2016) के आधार पर 2015-16 में अनाज उत्पादन 253.16 मिलियन टन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार 2016-17 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार अगले पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करेगी। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री ने सात बिन्दु सुझाए हैं:-

उत्पादन में वृद्धिः सरकार ने सिंचाई क्षेत्र में बजटीय प्रावधान बढ़ाया है। सरकार का लक्ष्य मोर क्रॉप पर ड्रॉपहै। सरकारी नीति का फोकस जल संरक्षण और सिंचाई पर है। धान और तिलहन के साथ अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी सरकार पूरा प्रयास कर रही है।

कम निवेश अधिक आयः हम बीजों से अधिक उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं यदि बीजों को मिट्टी से सही मात्रा में पोषक तत्व मिलें। इस संबंध में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना सहायक हो सकती है। हम किसानों को उपयोगी सूचनाएं प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में किसानों को कम निवेश पर अधिक आय होगी। यह जरूरी है कि खेती की लागत को व्यवस्थित किया जाए और फसलों की उत्पादकता कायम रखी जाए। मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए मृदा स्वास्थ्य संवर्धन कार्यक्रम शुरू किया गया है।

पिछले साल सरकार ने निर्णय किया था कि केवल नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किया जाएगा ताकि पौधों को आसानी से पोषक तत्व मिल सकें। जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 20 हजार रुपए प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं।

विपणन खर्च कम करके किसानों की आय को बढ़ानाः इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थापित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भारत की 585 कृषि मंडियों को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। किसानों को अपनी पैदावार के लिए अधिकतम कीमत मिलेगी और बिचौलियों का हस्तक्षेप बहुत हद तक कम हो जाएगा। इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कृषि जोखिम सुरक्षाः प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को तूफान, भूकंप और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलेगी।

उत्पादन-उपरान्त नुकसान में कमीः भारत सरकार ने क्षेत्र आधारित रणनीति को प्रोत्साहित किया है, जिसके तहत एकीकृत बागवानी विकास मिशन को लागू करके हर राज्य और क्षेत्र की जलवायु विविधता को ध्यान में रखा गया है। इस मिशन के तहत सरकार का लक्ष्य तकनीकी स्थापना को प्रोत्साहन देना, बागवानी फसलों के अंतर्गत क्षेत्र का विस्तार, फसल उपरान्त प्रबंधन, प्रसंस्करण और विपणन आदि शामिल हैं। बागवानी फसलों के मद्देनजर विश्व स्तर पर भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है।

मूल्य संवर्धनः कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन के लिए सरकार प्रसंस्करण खाद्य उद्योग को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अलावा सरकार फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सहायता से उनके प्रसंस्करण संबंधी विभिन्न योजनाओं के जरिए कार्यक्रम बना रही है। सरकार का लक्ष्य है कि मौजूदा 10 प्रतिशत परिदृश्य की तुलना में 2025 तक फलों और सब्जियों के उत्पादन में 25 प्रतिशत तक का इजाफा किया जाए।

सहायक गतिविधियां: माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप इस कार्य में मवेशी पालन, डेयरी मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, कृषि तालाबों एवं मत्स्य पालन के उपायों की भी भूमिका होगी।

सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में बीजों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ने पश्चिम बंगाल, झारखण्ड और बिहार सरकारों से उत्पादन केन्द्र बनाने के संबंध में भूमि देने का आग्रह किया है। पश्चिम बंगाल और झारखण्ड ने जमीन दे दी है तथा आशा है कि बिहार भी जल्द जमीन दे देगा। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान जैसे केन्द्र खोलने के लिए भोपाल, महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार से जमीन देने का आग्रह किया गया है। महाराष्ट्र,  गुजरात और उत्तर प्रदेश ने जमीन दे दी है और आशा है कि बिहार भी जल्द जमीन दे देगा।

अंत में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सभी संबंधित सहभागियों, खास तौर से राज्यों से आग्रह किया कि वे सब किसानों के कल्याण के लिए काम करें।