शिमला, 12 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किरायेदारों के कब्जे वाली मंदिर भूमि के मामले पर सभी उपायुक्तों को ऐसे मंदिरों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं, जहां सेवादार अथवा किरायेदार मंदिर सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं और मंदिरों को उपेक्षित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री आज यहां आयोजित राज्य स्तरीय ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उपेक्षित मंदिरों के संचालन के लिए रिवाॅल्विंग निधि की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब मंदिरों में सेवा के बदले में आजीविका प्रबन्ध के लिए सेवादार को भूमि दी जाती थी, लेकिन समय के साथ-साथ वे इस भूमि के मालिक बन गए और मंदिरों में धार्मिक रस्मों को नज़रअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में परशुराम भवनों अथवा ब्राह्मण भवनों का निर्माण किया जाना चाहिए, बशर्ते समुदाय के सदस्य इसके लिए आवेदन करते हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में न्यासों द्वारा संचालित प्रसिद्ध मंदिरों में पुस्तकालयों, जिनमें कर्मकांड अथवा धार्मिक पद्वति की चुनिंदा पुस्तकें हों, की स्थापना पर विचार करने का आश्वासन दिया।
वीरभद्र सिंह ने ब्राह्मणों तथा अन्यों को गौ सदनों के निर्माण एवं संचालन के लिए आगे आने को कहा, हालांकि सरकार भी इसके लिए सहयोग करेगी। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि कुछ लोग गौवंश का परित्याग करने के लिए उनपर लगाए गए टैग को भी हटा देते हैं ताकि उन्हें अपने हालात पर आवारा छोड़ा जा सके। इस दिशा में लोगों की मानसिकता में बदलाव समय की आवश्यकता है और इसमें ब्राह्मण समुदाय महत्वपूर्ण सहयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि चम्बा में गौवंश की हत्या में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अत्याचार निवारण अधिनियम, जिसका बड़े पैमाने पर दुरूपयोग करने की शिकायतें है, में संशोधन पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि निर्दोष व्यक्तियों के विरूद्ध झूठी शिकायतें दर्ज करवाने वालों के विरूद्ध दंड का प्रावधान किया जाएगा।
आर्थिक आधार पर लाभ प्रदान करने की समुदाय की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा आवास योजना और राजीव आवास योजना के अन्तर्गत प्रत्येक समुदाय के परिवारों को जाति में छूट देते हुए लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, पशुपालन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग इत्यादि द्वारा भी विभिन्न लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले में ब्राह्मण न्यास की स्थापना के लिए उपायुक्त को भूमि आवंटन के मामले पर विचार करने को कहा। बैठक में भाट ब्राह्मणों को अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आय सीमा को समाप्त करने का मामला भी उठाया गया।
मुख्यमंत्री ने कुल्लू जिले के लूहरी के समीप खेगसू मंदिर के रखरखाव पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस मंदिर को आवश्यक रूप से न्यास के अधीन लाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां देवी की सुंदर मूर्ति है और प्राचीन समय में यहां लवी मेले का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि पठानकोट के समीप डमटाल में प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर को न्यास बनाने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय संस्कृत अकादमी और कुल्लू तथा चम्बा में संस्कृत महाविद्यालय खोलने के मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया।
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