सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करता है बीसीसीआई : राजीव शुक्ला

मुंबई, 18 जुलाई | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी और इंडियन प्रीमियर लीग (आीपीएल) के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने सोमवार को कहा कि बीसीसीआई सुधारों पर दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के फैसला का सम्मान करता है और लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने पर काम करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को बीसीसीआई में सुधार पर राय देने के लिए गठित लोढ़ा समिति की अहम सिफारिशों को स्वीकार कर लिया, जिसमें मंत्रियों, नौकरशाहों और 70 की आयु से अधिक आय के लोगों पर बीसीसीआई सदस्य बनने पर रोक लगाने की सिफारिश शामिल है।

लोढ़ा समिति ने हालांकि बीसीसीआई को सूचना के अधिकार के तहत लाने का फैसला संसद पर छोड़ दिया है।

शुक्ला ने एक समाचार चैनल से कहा, “हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। हम इस पर विचार करेंगे कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को किस तरह लागू किया जा सकता है।”

पूर्व खिलाड़ी बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद ने भी सर्वोच्च अदालत के फैसले के प्रति समर्थन जाहिर किया।

बेदी ने सोमवार को ट्वीट किया, “हम सभी को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला शिष्टता और सहजता के साथ स्वकार कर लेना चाहिए। आखिरकार किसी व्यक्ति विशेष या राजनेता से बढ़कर यह भारतीय क्रिकेट के हित के लिए है।”

आजाद ने ट्वीट किया, “मेरी बात सही साबित हुई, सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। अब डीडीसीए और बीसीसीआई के खिलाफ मेरे अगले कदम का इंतजार कीजिए।”

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति एफ. एम. आई. कलीफुल्लाह की पीठ ने इसके अलावा बीसीसीआई की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें लोढ़ा समिति की एक राज्य के लिए एक मत वाली सिफारिश को चुनौती दी गई थी।

बीसीसीआई का कहना था कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों, जहां एक से अधिक क्रिकेट संघ हैं, उन्हें तार्किक आधार पर अधिक मत का अधिकार मिलना चाहिए।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से बीसीसीआई में मौजूद कुछ शीर्ष अधिकारियों को पद छोड़ना पड़ सकता है और बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर भी इसमें शामिल हैं। अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के भी अध्यक्ष हैं।

अदालत के फैसले से प्रभावित होने वाले अन्य सदस्यों में बोर्ड सचिव अजय शिरके, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी। तीनों अधिकारियों को अपने-अपने राज्य क्रिकेट संघों का पद छोड़ना पड़ सकता है।

बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार और एन. श्रीनिवासन को भी भविष्य में अध्यक्ष पद हासिल करने का सपना त्यागना पड़ेगा, क्योंकि दोनों ही 70 की आयु पार कर चुके हैं।

–आईएएनएस