भोपाल, 01 फरवरी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सहकारी संस्थाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। गृह निर्माण सहकारी समितियों की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाये। इन संस्थाओं में सदस्यों के साथ गड़बड़ी करने वाले दोषियों पर कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाये।
मुख्यमंत्री चौहान ने यह निर्देश आज यहाँ सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में दिये। बैठक में सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समितियों से संबंधित शिकायतों के निराकरण के अभियान चलाया जाए। बीज उत्पादक सहकारी समितियों को सशक्त बनाया जाए। बेहतर काम करने वाली बीज उत्पादक सहकारी समितियों को पुरस्कृत करें। उन्होंने कहा कि किसान को मिलने वाला बीज प्रामाणिक हो, इसकी सुदृढ़ व्यवस्था हो। एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं में किये गये कामों का भौतिक सत्यापन करवायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की ऋणग्रस्तता को दूर करने के दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान दें। फल और सब्जी उत्पादन के लिये सहकारिता के आधार पर रूट बनायें। सहकारी बैंकों की वसूली पर विशेष ध्यान दें। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों की आमदनी बढ़ाने की योजना बनायें।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री सहकारी कृषक ऋण सहायता योजना आगामी रबी फसल से लागू होगी। प्रदेश में 25 एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाएँ पूर्ण हो गई हैं तथा 12 परियोजनाएँ चल रही हैं। अब तक कुल 52 लाख 11 हजार किसान को किसान क्रेडिट-कार्ड उपलब्ध करवाये गये हैं। जारी वर्ष में शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को करीब 12 हजार करोड़ रूपये का फसल ऋण उपलब्ध करवाया गया है।
बीज उत्पादक सहकारी समितियों ने बीते वर्ष 8 लाख 53 हजार क्विंटल प्रामाणिक बीज का उत्पादन किया है। सहकारी बैंकों में एटीएम सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।
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