रायपुर, 20 सितंबर (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को यहां राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री अक्षर सम्मान समारोह में कहा कि पढ़ाई करने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। पढ़ना, लिखना और सीखना हर उम्र में हो सकता है। साक्षरता निरक्षर व्यक्ति की जिन्दगी में नई रोशनी भर देती है। इससे व्यक्ति में नए उमंग और आत्मविश्वास का संचार होता है। इसका लाभ उठाकर वे जीवन में आगे और पढ़ने तथा बढ़ने की राह पर अग्रसर होते है।
डॉ. सिंह ने मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह में साक्षर भारत कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्य की विभिन्न लोक शिक्षा समितियों, अनुदेशकों और प्रेरकों को सम्मानित किया। डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर ‘मुख्यमंत्री शहरी साक्षरता कार्यक्रम’ का भी शुभारंभ किया। उन्होंने जिन लोक शिक्षा समितियों को सम्मानित किया उनमें जिला लोक शिक्षा समिति रायगढ़ और विकासखंड लोक शिक्षा धरसीवां (जिला रायपुर), खड़गवां (जिला कोरिया) और खरसिया (जिला रायगढ़) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इनके अलावा सात ग्राम पंचायत स्तरीय लोक शिक्षा समितियों को भी सम्मानित किया। इनमें जिला जशपुर के जोरंडाझरिया, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के आरागाही, जिला रायपुर के सारागांव, जिला राजनांदगांव के केकतीटोला, जिला बस्तर के चपका और जिला मुंगेली के हथनीकला की लोक शिक्षा समिति शामिल हैं। उन्होंने इन समितियों के अनुदेशकों और प्रेरकों को भी सम्मानित किया।
डॉ. रमन सिंह ने इन समितियों तथा साक्षर भारत कार्यक्रम में सहयोग देने वाले समस्त प्रेरकों और अनुदेशकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर साक्षर भारत कार्यक्रम के ब्रोशर और ‘साक्षर भारत कार्यक्रम-राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तिका तथा सरगुजा जिले के साक्षरता पोस्टर का विमोचन भी किया।
Follow @JansamacharNews