साक्षरता में हिमाचल देश में केरल के बाद दूसरे स्थान पर

शिमला 21 जनवरी (जनसमा)। हिमाचल  प्रदेश के 500 स्कूलों मे लगभग 50,000 से अधिक विद्यार्थी व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यार्थियों को बेहतर व गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकारी क्षेत्र में 15534 से अधिक स्कूलों के अतिरिक्त 94 महाविद्यालय हैं।  साक्षरता प्रतिशत में हिमाचल देश में केरल के बाद दूसरे स्थान पर है। ये जानकारियां गुरूवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ज्वालामुखी में जनसभाओं और विभिन्न कार्यक्रमों में दी।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार बच्चों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की कौशल विकास भत्ता योजना आरम्भ की गई है ताकि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को न केवल निजी क्षेत्रों में रोजगार मिले बल्कि सरकारी क्षेत्रों में भी काम कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये का कौशल विकास भत्ता भी प्रदान कर रही है। उन्होंने राजकीय माध्यमिक पाठशाला देहरियां, फकोहलऔर लोअर घलोर को उच्च विद्यालय, राजकीय प्राथमिक पाठशाला घहलियां, धनोटबस्ती, उम्मेर और सकरियालु को माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अधवानी, सिहोरपिंया, नजलां, धाटी,सिहोरवला और पिहरी में वाणिज्यिक कक्षाएं आरम्भ करने की भी घोषणा की।उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ज्वालामुखी में खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय खोलने की व्यवहारिकता तलाशने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मर में 95.36 लाख रुपये की लागत से निर्मित अतिरिक्त भवन की आधारशिला रखी।

उन्होंने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुटियारामें 66 लाख रुपये की लागत से नव निर्मित भवन और 1.68 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित संस्कृत महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण किया। इस भवन के निर्माणपर श्रीज्वालामुखी मंदिर न्यास के बजट का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सूचना, संचार व नवीनतम प्रौद्योगिकी बारे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर उनके शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है और अब स्कूलों के युक्तिकरण कर स्कूलों में अधोसंरचना व सभी नवीन सुविधाएं उपलब्ध करवाकर इन्हें सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।