नई दिल्ली, 01 मार्च। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) निकालने पर कोई कर नहीं लगाया जायेगा। राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के अंशदान पर मिलने वाले ब्याज पर ही इस साल 1 अप्रैल से कर लगेगा जबकि मूल राशि पर कर छूट जारी रहेगी।
आकाशवाणी के समाचार के अनुसार अढ़िया ने बताया कि पहली अप्रैल के बाद साठ प्रतिशत राशि पर लगने वाले ब्याज को ही कर के दायरे में रखा गया है जबकि शेष चालीस प्रतिशत राशि पर कोई कर नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि यदि इसे पेंशन सेवा निवृत्ति योजना में निवेश किया जाता है तो ब्याज की साठ प्रतिशत राशि पर भी कर में छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसका असर उच्च वेतन वाले बीस प्रतिशत से भी कम कर्मचारियों पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजस्व जुटाने के लिए ऐसा नहीं किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बजट में ईपीएफ पर 1 अप्रैल 2016 से टैक्स लगाने की घोषणा की गई है जिस पर राजनीति गर्माने लगी है और इस निर्णय को वापस लिए जाने की मांग की जा रही है।
अढ़िया ने बताया कि 15 हजार रूपये प्रतिमाह की आय वाले कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि के प्रस्तावित कर के दायरे से बाहर रखा गया है। राजस्व सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को कर अनुकूल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पेंशन योजना की अवधि पूरे होने पर अंशधारक द्वारा चालीस प्रतिशत राशि निकाले जाने पर कोई कर नहीं लगेगा।
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