लंदन, 17 जून | एक छात्र नेता ने ब्रिटिश सरकार पर इल्जाम लगाया है कि सार्वजनिक सेवाओं में कटौती की गई, जिस कारण मुस्लिम युवा आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल हो रहे हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, विवादित नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट्स (एनयूएस) अध्यक्ष मालिया बोआट्टिया जिन्होंने आईएस की आलोचना से इनकार कर दिया था, ने कहा है कि ब्रिटिश युवाओं के पास सीरिया जाकर आईएस में शामिल होने के अलावा कोई रास्ता नहीं है क्योंकि उनके पास कोई अधिकार नहीं है।
भारी बेरोजगारी, युवा केंद्रों के बंद होने तथा शिक्षा के निजीकरण से युवाओं के सामने और कोई रास्ता नहीं है कि वे गलत दिशा में न जाएं।
28 वर्षीय बोआट्टिया ने ये बातें यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में आयोजित एक बहस के दौरान कही, जिसका विषय था- 800 से ज्यादा ब्रिटिश नागरिक आईएस में भर्ती होने सीरिया और इराक क्यों गए।
उन्होंने कहा, “हमें यह पूछने की जरूरत है कि लोग ऐसे कदम उठाने के लिए इतना बेचैन क्यों हैं। क्या कारण है कि युवा अपने आप को इतना अधिकारविहीन समझते हैं कि उनके पास सीरिया जाकर कुछ समूहों के शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है?”
उन्होंने ब्रिटिश मुस्लिम युवाओं के बीच भारी बेरोजगारी और शिक्षा के निजीकरण की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा, “और मैं यह भी कहना चाहूंगी कि हमें भारी बेरोजगारी को दूर करना होगा। तथ्य यह है कि शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है और यह युवाओं के पहुंच से बाहर हो गई है। युवा केंद्रों को भी बंद कर दिया गया है, युवाओं के समर्थन में खुले हर सार्वजनिक सेवा को बंद कर दिया गया है।”
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