सिंहस्थ कुंभ : अंतिम शाही स्नान में उमड़े लाखों श्रद्धालु

उज्जैन, 21 मई | मध्यप्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के अंतिम शाही स्नान में शनिवार को क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े। पहली बार शैव और वैष्णव अखाड़ों के साधुओं ने एक ही समय स्नान किया। तीसरी और अंतिम शाही स्नान की शुरुआत जूना अखाड़े के साधु संतों के स्नान से हुई। पहली बार शैव और वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों के साधुओं ने एक ही समय अलग-अलग घाटों पर स्नान किया।

सभी 13 अखाड़ों के स्नान के बाद दत्त अखाड़ा घाट और रामघाट पर आम श्रद्धालुओं को स्नान का मौका दिया गया। तीसरे शाही स्नान में पिछले शाही स्नान की तुलना में कहीं ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। उज्जैन की तमाम सड़कों से लेकर क्षिप्रा के घाटों तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। हर तरफ ‘हर हर महादेव’ का जयघोष गूंजता रहा।

तीसरे शाही स्नान में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण उज्जैन की ओर आने वाले मार्गो पर कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। जाम के कारण श्रद्धालुओं को वाहनों से उतरकर कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।

उज्जैन में शनिवार की सुबह से ही अखाड़ों की टोलियां अपनी-अपनी छावनी से निकलकर क्षिप्रा नदी के घाट पर पहुंचीं, इसके चलते यहां की सड़कें साधु-संतों से पट गईं। इन अखाड़ों के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और महंत विभिन्न पालकियां, घोड़े आदि पर सवार होकर क्षिप्रा नदी के घाट पर पहुंचे। सबसे पहले जूना अखाड़े के साधु-संतों ने स्नान किया।

शाही स्नान की परंपरा के मुताबिक, विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने सबसे पहले त्रिशूल को स्नान कराया और उसके बाद स्वयं डुबकी लगाई। नागा साधुओं के स्नान के बाद ही अन्य साधु-संतों ने स्नान किया।

पूर्व में तय की गई व्यवस्था के मुताबिक, तीसरे व अंतिम शाही स्नान में क्षिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा पर शैव संप्रदाय व रामघाट पर वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों के साधु, संत शाही स्नान किया। शाही स्नान का क्रम सुबह तीन बजे से ही शुरू हो गया और यह क्रम तब तक चला, जब तक सभी 13 अखाड़ों ने स्नान न कर लिया।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने स्नान करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इस बार की व्यवस्थाएं अद्भुत रहीं। दोनों संप्रदाय के अखाड़ों के साधु-संतों ने एक ही समय पर अलग-अलग घाटों पर स्नान कर सिंहस्थ कुंभ में इतिहास रचा।

दूसरे शाही स्नान के मुकाबले तीसरे शाही स्नान में ज्यादा भीड़ होने के मद्देजनर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। चारों ओर बैरिकेडिंग की गई और वाहनों को घाटों से दूर ही रोका दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने हर आने-जाने वालों पर पैनी नजर रखी।

एक तरफ जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिखे, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के इंतजाम भी किए हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एऩ क़े त्रिवेदी ने बताया कि शाही स्नान में शामिल होने वाले सभी अखाड़ों के साथ आधुनिक किचकित्सा सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस, चिकित्सक और पैरामेडिकल दल तैनात रहे।