उज्जैन, 11 मई | मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने संतों के साथ क्षिप्रा नदी के बाल्मीकि घाट पर डुबकी लगाई। भाजपा ने बुधवार को बाल्मीकि धाम में होने वाले कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया और सामाजिक समरसता कार्यक्रम को एन वक्त पर संत समागम में बदल दिया। यही कारण रहा कि सभी संत इस मंच पर आए। शाह ने मंच पर मौजूद साधु-संतों के सम्मान के बाद संतों संग बाल्मीकि घाट पर पहुंचकर डुबकी लगाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य नेता भी मौजूद थे।
इससे पहले शाह ने बाल्मीकि धाम में आयोजित कार्यक्रम में आदि शंकराचार्य का स्मरण किया और सनातन धर्म की व्यवस्था और कुंभ समागम को उन्हीं की देन बताया।
शाह ने कहा, “इस समय देश में एक ऐसी सरकार विद्यमान है, जो देश की संस्कृति और परंपरा को मजबूत करना चाहती है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी संतों को प्रणाम करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “कुंभ वह मौका है, जब देश ही नहीं दुनिया के संत एक स्थान पर एकत्रित होते हैं और श्रद्घालु उनके पूजन-अर्चन करते हैं। यह ऐसा मेला है, जिसमें बिना निमंत्रण लाखों लोग एक ही स्थान पर आकर स्नान करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने प्रारंभ में दलित संतों के साथ स्नान और सहभोज के सामाजिक समरसता का कार्यक्रम घोषित किया था, और इसका विभिन्न संतों ने विरोध किया था। उनका आरोप था कि इस आयोजन के जरिए साधु-संतों को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश की गई है। हालांकि अंतिम समय में भाजपा ने कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया।
भाजपा के इस समागम के मंच पर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, सत्यमित्रनंद, नरेंद्र गिरी, हरि गिरी, बाल्मीकि धाम के उमेश नाथ सहित अनेक अखाड़ों के संत आदि मौजूद रहे। इस आयोजन के मंच पर पहुंचे अमित शाह ने संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें माला पहनाकर और शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया।
शाह बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे नियमित उड़ान से इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे, जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के अलावा अन्य नेताओं ने उनकी अगवानी की। — आईएएनएस
Follow @JansamacharNews