भोपाल, 2 मई (जनसमा)। मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेले में अनेक साधु-संत, कथा-वाचकों और भक्तों के बीच राम कथावाचक फ़ारूख खान आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। इनकी खास बात यह है कि मुस्लिम धर्मावलंबी के होने के बावजूद इन्हें रामायण, हिन्दू धर्म और संस्कृति का गहन ज्ञान है।
उनके कथा-वाचन का रोचक अंदाज श्रोताओं को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। वे इस भक्ति, शिद्दत और उद्धरणों के साथ राम कथा का वाचन करते हैं कि श्रोता मंत्र-मुग्ध और तल्लीन होकर उन्हें सुनते रहते हैं। उनके पंडाल के पास से निकलने वाला हर श्रोता कानों में राम कथा की आवाज़ आते ही पंडाल के भीतर जाकर कथा सुनने के लिए विवश हो जाता है।
राम कथा वाचक राजगढ़ निवासी फा़रूख खान बताते हैं कि वे पिछले 25 वर्ष से राम-कथा सुनाते आ रहे हैं। अब तक वे 5 हजार से अधिक बार राम-कथा सुना चुके हैं। पाँच वक्त की नमाज़ अदा करने, सभी धर्म में आस्था एवं श्रद्धा रखने वाले फ़ारूख खान का मत है कि सभी धर्मों की मूल बात एक ही है-प्रेम, दया, क्षमा, भाई-चारा और मानव-कल्याण।
फ़ारूख कहते हैं कि ‘परहित सरिस धरम नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई‘। फ़ारूख कहते हैं कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के आर्दशों को अपनाकर ही जीवन और समाज का समग्र कल्याण हो सकता है।
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