‘सिंहस्थ-2016’ का आगाज़, साधुओं ने किया आकर्षक तांडव नृत्य

भोपाल, 06 अप्रैल (जनसमा)। मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने वाले बहुप्रतीक्षित ‘सिंहस्थ-2016’ का मंगलवार को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की पेशवाई से आगाज हो गया। सिंहस्थ2016 की इस पहली पेशवाई में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अपनी धर्मपत्नी साधनासिंह चौहान के साथ शामिल हुए।

फोटोः सिंहस्थ-2016 की शुरूआत की पहली पेशवाई में शामिल साधु-संत।

उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरिजी महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरिजी, जूना अखाड़े के संरक्षक श्री हरि गिरिजी, महामंडलेश्वर श्री पायलट बाबा, श्रीमहंत गोल्डनगिरिजी महाराज सहित अन्य उपस्थित महामंडलेश्वर, श्रीमहंतों से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

फोटोः शिवराज सिंह चौहान जूना अखाड़े की पेशवाई में आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद महाराज के साथ मयूर रथ पर।

फोटोः शिवराज सिंह चौहान जूना अखाड़े की पेशवाई में आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद महाराज के साथ मयूर रथ पर।

मुख्यमंत्री चौहान ने नीलगंगा स्थित जूना अखाड़े के पड़ाव स्थल पर पूजा-अर्चना की और अखाड़े के प्रस्तावित पाँच मंजिला भवन के मॉडल का अवलोकन किया। यहाँ जूना अखाड़े के महंतों ने मुख्यमंत्री चौहान एवं प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने नीलगंगा को सुन्दर बनाने के काम और फाउंटेन का अवलोकन किया।

शिवराजसिंह चौहान ने मयूर रथ पर सवार आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरिजी महाराज के साथ रथ पर सवार होकर नीलगंगा से पेशवाई में शामिल होकर श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। इस भव्य पेशवाई में साधु संत शंखनाद करते हुए उत्साहपूर्वक शामिल हुए। पेशवाई को देखने के लिए मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

धूमधड़ाकों, बेंडबाजों के साथ नीलगंगा से प्रारंभ होकर तीन बत्ती चौराहा, चामुंडा चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा, दौलतगंज, गोपाल मंदिर, महाकाल मंदिर, हरसिद्धि, दानी गेट, दत्त अखाड़ा होते हुए भूखी माता से गुजरते हुए जूना अखाड़े की सिंहस्थ छावनी में पहुँचकर पेशवाई का समापन हुआ।

शहर के विभिन्न चौराहों पर जगह-जगह सामाजिक संस्थाओं और कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं ने पुष्प वर्षा कर पेशवाई का अभिनंदन-स्वागत किया। पेशवाई मार्ग पर आकर्षक साज-सज्जा की गई थी।

पेशवाई में भगवान शिवशंकर की वेशभूषा में हाथ में त्रिशूल लिए एक साधु तांडव नृत्य करते हुए तो, वहीं नृत्य करते हुए अपनी उंगली पर थाली घुमाकर उसे उछालते हुए एक साधु भी पेशवाई में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहे। अनेकों नागा साधुओं ने पेशवाई में शामिल होकर तलवार, त्रिशूल एवं अन्य शस्त्रों के साथ आकर्षक एवं रोमांचक करतब प्रस्तुत किए।