सिनेमेटोग्राफ कानूनों की व्‍याख्‍या के लिए बेनेगल की अध्यक्षता में समिति

नई दिल्ली, 2 जनवरी (जनसमा)। सरकार ने शुक्रवार को सिनेमेटोग्राफ कानूनों और नियमों के प्रावधानों की पूर्ण व्‍याख्‍या के लिए समिति का गठन करने का एलान किया है।  प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक श्‍याम बेनेगल समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति से  दो महीने के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

सरकार का मानना है कि दुनिया के ज्‍यादातर देशों में फीचर फिल्‍मों और वृत्‍त चित्रों को प्रमाणित करने की व्‍यवस्‍था / प्रक्रिया है। हालांकि यह सुनिश्‍चित किया जाना चाहिए कि ऐसा करते हुए कलात्‍मक रचनात्‍मकता और स्‍वतंत्रता को दबाया/कम न किया जाए तथा जिन लोगों को फिल्‍मों के प्रमाणन का दायित्‍व सौंपा गया है, वे इन बारिकियों को समझें।

सरकार का कहना है कि भारतीय फिल्‍मों का गौरवशाली इतिहास रहा है। बहुत-सी भारतीय फिल्‍में, फिल्‍म निर्माण की उच्च तकनीक में हैरतंगेज उन्‍नति करने के साथ-साथ देश के सांस्‍कृतिक परिवेश से भी समृद्ध हैं।

एक प्रेस विज्ञप्ति में सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसी दृष्‍टिकोण तथा माननीय प्रधानमंत्री के विजन को ध्‍यान में रखते हुए श्‍याम बेनेगल की अध्‍यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो ऐसे परिवेश को सुनिश्‍चित करने के लिए सुझाव देगी।

इस समिति की सिफारिशों द्वारा संपूर्ण रूप-रेखा उपलब्‍ध कराए जाने और फिल्‍मों के प्रमाणन के दायित्‍व से जुड़े लोगों को इसी रूप.रेखा को ध्‍यान में रखते हुए अपने उत्‍तरदायित्‍वों का वहन करने में सक्षम बनाए जाने की संभावना है।

समिति के अन्‍य सदस्‍यों में राकेश ओमप्रकाश मेहरा, पीयूष पांडे, सुश्री भावना सौमैया, सुश्री नीना लाथ गुप्‍ता और सदस्‍य समन्‍वय के रूप में संयुक्‍त सचिव (फिल्‍म) शामिल हैं।