Silkyara Tunnel Rescue Operation : आज रात तक सिलक्यारा टनल में 17 दिन से फंसे श्रमिकों के बाहर आने की पक्की उम्मीद है।
सिलक्यारा टनल सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी स्थान पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं।
बचावकर्मियों ने ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के 60 मीटर लंबे मलबे में ड्रिलिंग की है। उम्मीद है कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मी ड्रिल किए गए मार्ग में धकेले गए स्टील शूट में प्रवेश करेंगे और श्रमिकों को एक-एक करके बाहर निकालेंगे।
सिलक्यारा टनल, उत्तरकाशी, 28 नवंबर। ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग में सत्रह दिनों से फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए पाइप बिछा दिए गए हैं। फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए एम्बुलेंस, मालाएं, अस्पताल के बिस्तर तैयार कर दिए गए हैं।
बचावकर्मियों ने मंगलवार को ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के 60 मीटर लंबे मलबे में ड्रिलिंग की। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों से पिछले कई दिनों से ड्रिल किए गए मार्ग में धकेले गए स्टील शूट में प्रवेश करने और फिर श्रमिकों को एक-एक करके बाहर लाने की उम्मीद थी।
प्रत्येक मज़दूर को एक पहिये वाले स्ट्रेचर पर लिटाया जायेगा जिसे बचाव कर्मियों द्वारा रस्सियों का उपयोग करके बाहर खींचा जाएगा। इसमें लगभग दो या तीन घंटे लगने की उम्मीद थी।
अमेरिका से आई ऑगर मशीन के टूटने के बाद, बचाव अभियान के अंतिम चरण में ‘रैट-होल खनन विधि से काम पूरा किया गया।