Rescue team officials establish audio-visual contact

सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों से वीजुअल संपर्क

बचाव दल (Rescue team) के अधिकारियों ने पहली बार पाइपलाइन (pipeline) और एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे (endoscopic flexi camera) के माध्यम से सुरंग में फंसे श्रमिकों के साथ ऑडियो-विज़ुअल (audio-visual) संपर्क स्थापित किया।

उत्तराखंड में उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग (Uttarkashi Silkyara tunnel) ढहने वाली जगह पर बचाव अभियान के नौवें दिन, बचाव दल पहली बार फंसे हुए श्रमिकों से वीजुअल संपर्क स्थापित करने में कामयाब रहा है।

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बचाव दल ने बताया कि एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचा है और सुरंग में फंसे श्रमिकों को देखा है।
पता चला कि सिल्क्यारा और बरकोट को जोड़ने के लिए बनाई जा रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और मलबे के कारन इसमें 41 मज़दूर फँस गए हैं ।
यह पता चला कि सिल्क्यारा सुरंग (tunnel) के किनारे पर 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरने के कारण 41 कामगार फंसे हुए हैं और उन्हें निकलने के लिए कई तरह से कोशिशें की जारही है।
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स (Professor Arnold Dix)
सुरंग सुरक्षा और आपदा जांच में विश्व स्तर पर प्रशंसित विशेषज्ञ प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स चुनौतीपूर्ण भूमिगत स्थितियों को नेविगेट करने में अपनी दक्षता के लिए जाने जाते हैं, जटिल बचाव मिशन में सबसे आगे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स कहते हैं, ”अब हमारे पास फंसे हुए श्रमिकों के लिए संचार सुविधा है।”
उन्होंने कहा ‘पिछले कुछ घंटों में हमें जो खबर मिली है, वह निश्चित रूप से शानदार है। उन लोगों के चेहरे देखकर बहुत अच्छा लग रहा है जिन्हें हम वहां से बाहर निकालने जा रहे हैं।
यह बचाव प्रयास के लिए ‘माइक्रो टनलिंग’ और अन्य रचनात्मक रणनीतियाँ शामिल हैं। ऊर्ध्वाधर शाफ्ट की ड्रिलिंग की सुविधा के लिए पहाड़ी की चोटी तक एक सड़क पहले ही बनाई जा चुकी है जिससे फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जा सकेगा।