Sahara chief Subrata Roy

सुब्रत रॉय को आत्मसर्मपण के लिए 30 सितम्बर तक का समय

नई दिल्ली, 24 सितम्बर | सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को थोड़ी राहत देते हुए उन्हें आत्मसर्मपण के लिए 30 सितम्बर तक का समय दिया है। इससे पहले अदालत ने शुक्रवार सुबह उनकी पैरोल को रद्द कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा रॉय द्वारा पैरोल रद्द करने के खिलाफ दी गई अर्जी पर 28 सितम्बर को सुनवाई होगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार सुबह रॉय समेत सहारा के दो अन्य निदेशकों, रॉय के दामाद अशोक रॉय चौधरी और रवि शंकर दूबे को दी गई पैरोल को वापस ले लिया था।

रॉय की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने पीठ के द्वारा पहले की गई टिप्पणी को ‘अनुचित’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया था। धवन ने यह बात तब कही जब अदालत ने कहा कि बाजार नियामक सेबी द्वारा अपनी संपत्ति की नीलामी के मामले में अगर सुब्रत रॉय चाहते हैं कि अदालत उनकी बात भी सुनें तो उन्हें (रॉय को) जेल में जाना होगा। जेल में जाने की बात अदालत ने हल्के-फुल्के अंदाज में कही थी लेकिन धवन ने उसे गंभीरता से लेते हुए ‘अनुचित’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।

इस पर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी की पीठ उनकी टिप्पणी से नाराज हो गई और रॉय और अन्य की पैरोल रद्द कर इन्हें तुरंत जेल भेजने का निर्देश दे दिया।

बाद में रॉय की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल अदालत में पेश हुए और अपने मुवक्किल की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी कोई बात नहीं कही जाएगी और वरिष्ठ वकील (राजीव धवन) इस मामले में कभी हाजिर नहीं होंगे।

इसके बाद खंडपीठ ने कहा कि रॉय के संबंध में अदालत द्वारा की गई अंतरिम व्यवस्था (पैरोल) रद्द रहेगी लेकिन उन्हें आत्मसमर्पण के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाता है।–आईएएनएस