नई दिल्ली, 17 मई| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से कहा कि वह ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार के साथ बैठकर उनसे जुड़े मामले को सुलझाने का प्रयास करे। सुशील रियो ओलम्पिक में 74 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं लेकिन नरसिंह यादव पहले ही इस वर्ग में ओलम्पिक कोटा हासिल कर चुके हैं। अब सुशील चाहते हैं कि उनका नरसिंह के साथ मुकाबला हो और जो भी जीते, वह रियो जाए।
सुशील इससे पहले भारत के लिए दो मौकों पर ओलम्पिक पदक जीत चुके हैं। बीजिंग में सुशील ने कांस्य जीता था और फिर लंदन में रजत जीता लेकिन दोनों पदक उन्होंने 66 किलोग्राम वर्ग में जीते थे, जिसे अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ ने बीते साल भंग कर दिया था। इसके बाद सुशील ने 74 किलोग्राम का रुख किया, जिसमें नसिंह भारत के नम्बर-1 पहलवान हैं।
सुशील ने रियो जाने के प्रयासों के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका के माध्यम से रास्ता तलाशने की कोशिश की लेकिन न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए डब्ल्यूएफआई से कहा कि वह सुशील के साथ बैठकर मामले को सुलझाने का प्रयास करे।
न्यायालय ने कहा, “डब्ल्यूएफआई ही ऐसे मामलों में फैसले लेता हैष हम इसमें तभी घुसते, जब किसी प्रकार की गड़बड़ी हुई होती। ऐसे में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष. उपाध्यक्ष, सचिव और कोच को सुशील के साथ बैठकर उनके रियो जाने को लेकर कोई रास्ता निकालना चाहिए।”
अदालत ने हालांकि डब्ल्यूएफआई, नरसिंह यादव, भारतीय ओलम्पिक संघ, भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल मंत्रालय को सुशील की इस शिकायत पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि ओलम्पिक सीट के लिए सेलेक्शन ट्रायल राष्ट्रीय खेल कोड के मुताबिक नहीं हुए।
अदालत ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई अब 27 मई को करेगा।
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