शिमला, 19 नवंबर। (जस)। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिये अभी से तैयारियों में जुट गई है। राज्य के शहरों अथवा कस्बों कहीं पर भी पेयजल को लेकर किसी प्रकार की समस्या न आए, इसके लिये मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अभी से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं।
राज्य की समस्त पेयजल योजनाओं तथा सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांटों की स्थिति का जायजा लेने के लिये मुख्य सचिव वी.सी. फारका की अध्यक्षता में शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियन्ताओं तथा अधीक्षण अभियन्ताओं के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राज्य की सभी मुख्य जलापूर्ति तथा मल-निकासी परियोजनाओं की जानकारी हासिल की। मुख्य सचिव ने विशेषकर सभी जल भण्डारण टैंकों की सुरक्षा के लिये चार दीवारी लगाने तथा तालाबंदी करने पर विशेष बल दिया।
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में कुल 9393 जलापूर्ति योजनाओं तथा 34605 हैण्डपम्पों के माध्यम से लोगों की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से घर-घर तक पेयजल की सुचारु आपुर्ति के लिये सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग में 29000 कर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य के विभिन्न भागों में 49 सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट स्थापित किए गए हैं और सभी क्रियाशील हैं। उन्होंने सभी परियोजनाओं में निरीक्षण पंजीकाएं रखने के निर्देश दिये ताकि योजना का निरीक्षण करने वाले अधिकारी का रिकार्ड रहे साथ ही आम लोगों के सुझाव भी प्राप्त किये जा सकें।
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