नई दिल्ली, 14 मार्च (जनसमा)। सोमवार को लोकसभा में वर्ष 2016-17 के बजट पर सामान्य चर्चा में भाग हुए ‘अपना दल’ की लोकसभा सदस्य अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘मेरी सरकार सूट-बूट पहन कर भी खेतों और खलिहानों तक पहुंच गई, जो काम शायद खादी का कुर्ता पहन कर भी यूपीए की सरकार नहीं कर पाई।’
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार किसानों को 9 लाख करोड़ रुपए का ऋण देना चाहती है लेकिन किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ कर सकती जिसके कारण किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से चुनी गईं लोकसभा सदस्य पटेल ने यह भी पूछा कि सरकार 5 साल में किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है लेकिन क्या आय महंगाई के अनुरूप बढ़ेगी? उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण हुई फसलों की क्षति का आंकलन बीमा कंपनियां करती हैं जो कि सही नहीं होता है। फसलों के नुकसान का लाभ किसानों को मिलना चाहिए, बीमा कम्पनियों को नहीं।
निजी क्षेत्र के सहयोग से डायलिसिस केंद्र की घोषणा का स्वागत करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इन्हें जिला स्तर पर खोला जाए। उन्होंने कहा कि भारत में ट्यूबरक्लोसिस (टी.बी.) के बड़ी संख्या में मरीज हैं और यह एक बड़ी समस्या है। उन्होंने इसके समाधान के लिए सरकार से अनुरोध किया।
अनुप्रिया ने कहा कि गरीबों के लिए एक लाख की बीमा योजना एक अच्छी पहल है। इसमें 70 से 75 प्रतिशत बीमारियों का समाधान निकाला जा सकता है।
3 हजार ‘जन औषधि केंद्र’ स्थापित करने की योजना का स्वागत करते हुए कहा यह औषधि केंद्र देश के सबसे पिछड़े इलाकों में खोले जाएं जिससे गरीब और निर्धन व्यक्ति को दवाओं का लाभ मिल सके।
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