मुंबई, 25 मई | गुजरात के सूरत के एक 54 वर्षीय अंग दानदाता के दिल ने मुंबई के 53 वर्षीय व्यक्ति की जान बचा ली, जबकि 6 अन्य लोगों को भी उसके शरीर के दान दिए गए अंगों से फायदा हुआ। एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने यह जानकारी दी।
दानदाता के शरीर के यह अंग गुजरात के सूरत से मुंबई तक एक घंटे 17 मिनट में पहुंचाए गए, जिससे मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल के एक दिल के मरीज की जान बची, वहीं अन्य जरूरतमंद मरीजों के भी किडनी, लिवर और कोरोना जैसे अंग बदले गए।
इस अस्पताल में यह 18वां हृदय-प्रत्यारोपण था।
दानदाता की पहचान गुप्त रखी गई है। वे कटरगाम के निवासी थे और गंभीर सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे। उन्हें गुरुवार को महावीर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
गैरसरकारी संस्था डोनेट लाइफ के नीलेश मंडेलवाला ने शोकाकुल परिवार को मृतक का अंग दान करने की सलाह दी, जिसे परिवार ने स्वीकार कर लिया और स्वेच्छा से अंग दान करने पर सहमति जताई।
इसके तुरंत बाद मुंबई और सूरत हवाई अड्डे, दोनों शहरों की ट्रैफिक पुलिस मृतक के अंग को कम से कम वक्त में मुंबई तक पहुंचाने में जुट गए।
हृदय प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एनवे मूले ने बताया, “जिस मरीज में दिल का प्रत्यारोपित किया गया है, उसकी हालत में तेजी से बिगड़ती जा रही थी और उसकी जान बचाने के लिए यह प्रत्यारोपण बेहद जरूरी था। अब मरीज की हालत स्थिर है और उसे 71 घंटों तक निगरानी में रखा गया है।”
फोर्टिस अस्पताल के क्षेत्रीय निदेशक ए. नारायणी ने कहा कि इस अस्पताल में अब तक 18 प्रत्यारोपण किए गए हैं और यह पांचवीं बार है कि गुजरात के किसी दानदाता से अंग दान में मिला है। अब अस्पताल दूसरे पड़ोसी राज्यों में भी इस तरह की प्रणाली के निर्माण की कोशिश कर रहा है।
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