फाइल फोटो: सियाचिन बेस कैंप में 23 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, जनरल दलबीर सिंह तथा भारतीय सेना के अधिकारी और जवान।
अधिकृत जानकारी के अनुसार तोपखाने के आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने सेना के 2,900 करोड़ रुपये मूल्य की 145 बीएई एम777 अल्ट्रा-लाइट-हॉवित्जर तोपों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह सौदा विदेशी सैन्य बिक्री के तहत हुआ है लेकिन इसमें पुर्जों, रखरखाव और गोला-बारूद भारतीय प्रणाली के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
यह भी याद रखने की बात है कि आकाश हथियार प्रणाली को भारतीय सेना में 05 मई, 2015 को शामिल किया गया। यह भारत में ही विकसित कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली सुपरसोनिक प्रणाली है। यह विमान, हेलीकॉप्टर और यूएवी जैसे कई हवाई खतरों को 25 किलोमीटर की दूरी और 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही घेरने में सक्षम है।
यह प्रणाली एक साथ कई लक्ष्य साधने में सक्षम है और जमीन पर सेना की भेद्य ठिकानों को कम दूरी का मिसाइल कवर उपलब्ध कराती है। देश की यह अत्याधुनिक हथियार प्रणाली प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया पहल की एक चमकदार अभिव्यक्ति है।
भारतीय सेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों के तहत सेना ने दस सार्वजनिक और निजी भारतीय कंपनियों को प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया पहल के तहत ‘भविष्य के इंफैंट्री कांबेट व्हीकल’(एफआईसीवी) परियोजना के लिए ईओएल जारी किया है।
एक महत्वपूर्ण ‘मेक’ परियोजना सामरिक संचार प्रणाली (टीसीएस) है। इसका मकसद युद्ध के मैदान में डटी सेना को एक नेटवर्क केंद्रित वातावरण के जरिए सूचनाएं पहुंचाना है। इसके अलावा युद्धक्षेत्र प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) भी है। यह सैन्य कमांडरों को सामरिक तौर पर स्थित की अपडेट जानकारी, भू-स्थानिक डेटा और लड़ाई के दौरान फार्मेशन स्तर पर आंतरिक सूचनाएं पहुंचाती है।
मौजूदा ‘स्वदेशी खरीदो’ खरीद प्रस्ताव में अत्याधुनिक लाइट हेलीकाप्टर, मध्यम दूरी सी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, पिनाका मल्टी बैरल राकेट प्रणाली, इंफैंट्री कांबेट वाहन बीएमपी 2/2के, एमबीटी अर्जुन टैंक, मॉड्यूलर ब्रिज प्रणाली, बालिस्टिक हैलमैट एव बुलेट प्रूफ जैकेट शामिल है।
खरीद प्रस्ताव में तोपखाने के लिए माउंटेड गन सिस्टम (एमजीएस), सेना की हवाई सुरक्षा में तैनात एल/70 और जेडयू-23 बंदूकों के बदले एयर डिफेंस गन, मैकेनाइज्ड बलों के लिए हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहन (एलएएम-वी) और टी-90 टैंकों के लिए माइन प्लग शामिल हैं।
-एजेंसी के साथ जनसमा ब्यूरो