रायपुर, 17 जून। बरसात के दिनों में बांधों और जलाशयों में जलभराव की जानकारी देने के लिए जल संसाधन विभाग ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से रीयल टाइम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ‘नीरनिधि’ तैयार किया है। कम्प्यूटर और एंड्रायड मोबाइल पर संचालित यह सॉफ्टवेयर तुरंत ही बता देगा कि जलाशयों में अभी कितना पानी है।
छत्तीगढ़ के कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने गुरुवारको इस सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि कम्प्यूटर पर इस सॉफ्टवेयर की मदद से रीयल टाइम के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। इसमें ग्राफ और प्रतिदिन जल भराव की स्थिति के लिए रजिस्टर भी तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे जलाशयों में जलभराव की स्थिति तत्काल मिल जाएगी। बाढ़ की स्थिति में इस सॉफ्टवेयर की मदद से जलाशयों से छोड़ गए जल की मात्रा की सूचना जलाशयों के निचले भागों में स्थित नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को भी प्राप्त हो सकेगी। बाढ़ नियंत्रण में लगे विभागीय अधिकारियों को इस एप्लीकेशन के जरिए तत्काल सूचना मिलेगी।
अग्रवाल ने बताया कि इस मोबाइल एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए 43 जलाशयों की जानकारी सीधे जलाशय स्थल से मिल जाएगी। भविष्य में इस एप्लोकेशन द्वारा लघु जलाशयों तथा कैनाल सिस्टम में जल स्तर, जल की मात्रा की निगरानी के लिए भी उपयोग किए जाने की योजना है, जिससे जलाशयों एवं नहरों द्वारा जल प्रबंधन में विभाग को सहायता मिलेगी।
जल संसाधन विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में जलाशयों में जलभराव के आंकड़ों की जानकारी पत्रवाहक अथवा टेलीफोन से कार्यालयों को भेजी जाती रही है। उनका संकलन मुख्य अभियंता स्तर पर किए जाने के बाद प्रमुख अभियंता स्तर पर संकलित किया जाता है। इस कार्य में 6 से 8 घंटे का समय लगता है।
उन्होंने कहा कि अतिवर्षा के दौरान नदियों के जलस्तर बढ़ने की सूचना भी कठिनाई से मिल पाती थी। इन्हीं सब परेशानियों के चलते यह सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
Follow @JansamacharNews