नई दिल्ली, 28 अप्रैल | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए गुरुवार को कहा है कि वह स्पष्ट करें कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में किसने रिश्वत ली थी। शाह ने संवाददाताओं से कहा, “एक इतालवी अदालत द्वारा यह कहा गया है कि रिश्वत दी गई थी। यह कहने के बजाय कि वह किसी से नहीं डरतीं, उन्हें (सोनिया) स्पष्ट करना चाहिए कि किसने रिश्वत ली थी।”
शाह ने कहा, “उस समय सत्ता में कौन था? संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार सत्ता में थी। उन्हें सच सामने लाना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि सोनिया ने बुधवार को कहा था कि सरकार जांच करा ले, वह अपने खिलाफ लगे रिश्वतखोरी के आरोपों से नहीं डरतीं।
शाह ने कहा, “उन्हें शायद किसी का डर न हो, लेकिन हम भाजपा नेताओं को संविधान, लोकतंत्र और सार्वजनिक सम्मान का डर है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस जब सत्ता में थी, उसका भ्रष्टाचार हर रोज सामने आता था। सत्ता से बेदखल होने के दो साल बाद अब भी यह जारी है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वरिष्ठ मंत्रियों के साथ इस घोटाले को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता के बाद शाह का यह बयान आया है।
बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू और केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे।
कांग्रेस ने बचाव करते हुए अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों का बुधवार को खंडन किया था।
कांग्रेस ने बदले में नरेंद्र मोदी सरकार पर इतालवी कंपनी की मदद का आरोप लगाया, जिसका नाम काली सूची में शामिल है।
मिलान की एक अदालत ने 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के सौदे में खातों में हेरफेर और भ्रष्टाचार के आरोप में अगस्ता की मातृ कंपनी फिनमेक्के निका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गियुसेप ओरसी और अगस्ता के पूर्व प्रमुख ब्रूनो सपग्नोलिनी को जेल भेज दिया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि कंपनी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उनके सचिव अहमद पटेल, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस.पी. त्यागी के साथ लॉबिंग की थी।
फाईल फोटोः (आईएएनएस)
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