नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| जनवरी से सिंतबर के बीच सोने के आयात में 58.96 फीसदी या 270 टन की गिरावट आई है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 658 टन सोने का आयात किया गया था। उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक सोने के आयात में गिरावट लंबे समय तक चली ज्वेलर्स की हड़ताल और और आयात पर 10 फीसदी सीमा शुल्क बरकरार रखने के कारण आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा शुल्क की उच्च दर के कारण सोने की तस्करी बढ़ गई है, यहां तक कि उद्योग भी कम लेवी की मांग कर रहा है ताकि आधिकारिक आयात को प्रोत्साहित किया जा सके।
हाल ही में जारी सूचना के अनुसार भारत दुनिया के दो सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है और सालाना 1,000 से अधिक टन सोने का आयात किया जाता है।
इसके अलावा, उद्योग संगठन ने कहा कि सोने की कीमतें 30,500 रुपये रु 33,500 प्रति 10 ग्राम की सीमा में स्थिर रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतें वैश्विक राजनीतिक और वित्तीय जोखिम की पृष्ठभूमि में स्थिर रहने की उम्मीद है। वहीं, घरेलू बाजार में मांग में एक ूबार फिर तेजी आई है और जनवरी के बाद सोने की कीमतें 25 फीसदी बढ़ी है।
एसोचैम के शोधपत्र में कहा गया, “भारतीय खपत में सुधार, चीन की अर्थव्यवस्था में वित्तीय जोखिम, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नखरे, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव होने से निवेशकों के लिए अभी भी सोना सबसे सुरक्षित बना हुआ है।”
वर्तमान में, प्रमुख भारतीय शहरों में 24 कैरेट शुद्धता वाली सोने की कीमतें 31,000 रुपये से लेकर 31,500 तक है।
इसमें आगे कहा गया कि त्योहारी अवधि की मांग को आगे शादियों के सीजन में और बढ़ावा मिलेगा, जिसका भारत में सोने के उपभोग में सबसे ज्यादा योगदान है।
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने को मजबूत समर्थन मिल रहा है और इसकी कीमत 1,200 डॉलर के निशान से ऊपर रहने की संभावना है।” –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews