नई दिल्ली, 24 अप्रैल | कांग्रेस उत्तराखंड सरकार की बर्खास्तगी को लेकर और भारतीय जनता पार्टी इशरत जहां और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित मामलों की दोषपूर्ण जांच को लेकर कड़े विरोध के लिए तैयार हैं। इसे देखकर लगता है कि सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद सत्र का धुल जाना तय है।
दोनों खेमों में सुलह की संभावना बहुत क्षीण है और यह टकराव बहुत शीर्ष स्तर पर है। भाजपा जहां इशरत जहां मामले के शपथ पत्र में बदलाव के लिए सोनिया गांधी पर निशाना साधने के लिए कटिबद्ध है वहीं कांग्रेस भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष से नीचे किसी को गलत ठहराने को तैयार नहीं दिख रही।
समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार ने बताया, “हम लोग कोई तालमेल नहीं देख रहे हैं। संसद के दोनों सदनों में कटुतापूर्ण माहौल रहेगा। आप पूरे सत्र के बर्बाद हो जाने की उम्मीद कर सकते हैं।”
दोनों सदनों के बहुत सारे सदस्य कुमार के निराशाजनक बात को खारिज नहीं करते। वे भी मानते हैं कि अगले सत्र में एक बार फिर बड़ी अव्यवस्था वाली स्थिति दोहराई जाएगी। इसके साथ ही जरूरी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक फिर लटका ही रह जाएगा।
सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर हमले बढ़ा दिए हैं। भाजपा का कहना है कि इशरत जहां मामले में शपथ पत्र बदलने का उनका फैसला संभवत: पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप का एक उदाहरण था।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन संसद के सुचारू ढंग से संचालन सुनिश्चित करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुला रही हैं लेकिन इस प्रयास के परिणाम को लेकर लोग बहुत आशान्वित नहीं हैं।
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