सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ गोपनियता का प्रबंधन एक सामूहिक मुद्दा बन चुका है। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्ययन में पता चला है कि सोशल मीडिया उपभोक्ता गोपनीयता के कुछ मामलों में स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं, लेकिन जब जानकारी कई उपभोक्ताओं के बीच साझा की जाती है, तब वे इसकी गोपनीयता के लिए एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।
अमेरिका की पेंसिल्वेनिया युनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर हेंग शू के मुताबिक, “वेब के निरंतर और अधिक सामाजिक होने के चलते गोपनीयता का सहकारी प्रबंधन और अधिक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाएगा।”
लोग अपने ऑनलाइन सोशल नेटवर्क पर जैसे ही सूचनाएं साझा करते हैं, उनका उस सूचना पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता। उन्हें गोपनीयता के लिए दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है।
पेंसिल्वेनिया स्टेट युनिवर्सिटी के एक पोस्ट डॉक्टोरल विद्वान हईयान जिया के मुताबिक, “ज्यादातर लोग सोचते हैं कि गोपनीयता एक व्यक्तिगत मुद्दा है, लेकिन अब यह व्यक्तिगत मुद्दा नहीं रहा, यह एक सहकारी और समन्वित प्रक्रिया बन चुकी है।”
लोग सामूहिक चर्चा और संवेदनशील तस्वीरों जैसी सामूहिक सामग्री के लिए गोपनीयता अधिकारों के लिए कई तरीकों पर भरोसा करते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, साझा डाटा के बढ़ते महत्व के बावजूद वर्तमान सोशल मीडिया साइट्स में गोपनीयता के सहकारी प्रबंधन की सुविधा नहीं है।
टीम ने शोध के लिए ऑनलाइन साइट अमेजॉन मेकेनिकल टर्क से औसतन 36 साल की उम्र के 304 लोगों को नियुक्त किया।
प्रतिभागियों को लगभग 20 मिनट तक सर्वेक्षण करने को कहा गया।
शोधकर्ताओं ने उसके बाद वही सर्वेक्षण 427 पूर्वस्नातक छात्रों से कराया।
परिणाम से साबित हुआ कि पूर्वस्नातक छात्रों ने अपनी साझा जानकारियों की गोपनीयता को लेकर कम सुरक्षात्मक कदम उठाए, जो कि पीढ़ीगत अंतर का सूचक है।
अध्ययन के परिणाम हाल ही में कैलिफोर्निया में आयोजित कंप्यूटिंग प्रणाली में मानव कारकों पर एसीएम सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया।
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