पटना, 30 जनवरी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना के गाँधी घाट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में स्मार्ट सिटी बनाने से मुकर रही है केन्द्र सरकार। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिये केन्द्र सरकार ने बिहार सरकार से प्रपोजल मॉगा था और बिहार सरकार की ओर से बाजाप्ता केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित फार्मेट में प्रस्ताव भेजा गया था।
फोटोः शहीद दिवस पर पटना में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (आईएएनएस)
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पहले पूरे देश के लिये स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी। आज मात्र 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने शहरों की संख्या सीमित करली और बिहार के किसी शहर को उन्होंने स्मार्ट सिटी के रूप में नहीं लिया। यह उन्हीं के मापदण्ड थे, उन्हीं के द्वारा 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाना चयनित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बिहार के शहरों में से कुछ शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया था। चयन करने के बाद जो उन्होंने शर्त रखी और जिस प्रकार से प्रस्ताव रखा, सब कुछ भेजा गया। विधानसभा चुनाव के पूर्व ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका था। अपने तैयार कराये गये प्रस्ताव पर भी वे अमल नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए मात्र 20 शहरों का चयन किया गया है, जिसमें बिहार का कोई शहर नहीं है। ये उनकी मर्जी है। यहॉ तो कोई नियम कानून उनके सामने है नहीं। इन दिनों देश में और कुछ चल नहीं रहा है। न तो कोई मर्यादा है और न ही कोई नियम है और न हीं इनको कोई रिजनल बैलेंस का ख्याल है। स्मार्ट सिटी बनाने का उनका फैसला है। स्मार्ट सिटी के चयन के लिए मापदण्ड तय करने का उनका फैसला है और उसके बाद विभिन्न राज्यों में स्मार्ट सिटी चयन करने का भी उनका ही फैसला है।
नीतीश ने कहा बिहार ने केन्द्र सरकार की सारी शर्तों को पूरा करते हुए प्रस्ताव भेज दिया। उसके बाद भी अपने पूर्व के लिए गये निर्णय से पलट जाना उनका फैसला है। यही है अंधेर नगरी।
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विदुपुर 6 लेन पुल का शिलान्यास नहीं होना है, कल कार्यारम्भ होगा। शिलान्यास विधानसभा चुनाव के पूर्व ही हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में फण्डिंग और एक-एक चीज के लिए प्रोजेक्ट बनने के बाद इसका शिलान्यास हुआ था। शिलान्यास और कार्यारम्भ के बीच मात्र 4 महीने का समय लगा है।
उन्होंने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग कहते है कि पाया-पाया का शिलान्यास होगा। यही ये लोग कर रहे हैं। जब मेरे साथ थे तो कार्यक्रम में जाते नहीं थे और शिलापट्ट पर अपना नाम लिखाने के लिए बाध्य करते थे। ये उन लोगों की आदत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीघा से सोनपुर रेलवे सह सड़क पुल का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्रीएच0डी0 देवगौड़ा से तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान ने बिना कुछ कराये करा दिया। जब हम रेल मंत्री थे तो पैसे का इंतजाम तथा मंजूरी करा कर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कार्यारम्भ कराया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गॉधी मैदान से रिमोट से कार्यारम्भ किया, तब दीघा से कार्य प्रारंभ हुआ।
नीतीश ने कहा कि हम नाम में नहीं काम में विश्वास करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये फ्रस्टेटेड लोग हैं, इतना भारी प्रचार करने के बाद भी विधानसभा चुनाव में कोई फायदा नहीं हुआ, तो ये लोग बिल्कूल हताशा में हैं।
उन्होंने कहा कि दीदारगंज 6 लेन पुल जो बन रहा है, इसको रोकने की इन्होंने बड़ी साजिश की, कहा कि भारत सरकार बनाएगी। हमने कहा कि प्रोजेक्ट तैयार है उसी पर काम हो, लेकिन तैयार नहीं हुए। इसमें पॉच वर्षों का समय लगता। 2020 के आसपास ये कुछ कर पाते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पॉच साल से विदुपुर 6 लेन पुल के काम में लगे हुए थे। पहले कोशिश किया कि पी0पी0पी0 मोड में आ जाए, पी0पी0पी0 मोड में नहीं आया तो राज्य सरकार ने ए0डी0बी0 से कर्ज लेने के बाद सारी प्रक्रिया पूरी की।
उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट एपू्रवल हो गया है। ए0डी0बी0 ने निर्णय लिया कि हम फाइनेंस करेंगे। दीदारगंज 6 लेन पुल में ए0डी0बी0 का भी पैसा लगेगा और राज्य सरकार का भी पैसा लगेगा। उन्होंने कहा कि बहुत लोगों का कलेजा फटता है तो हम क्या कर सकते हैं, अब हम सर्जन या डॉक्टर तो हो नहीं जायेंगे।
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