डूंगरपुर (राजस्थान), 10 जनवरी। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2018 तक संपूर्ण राजस्थान को खुले में शौचमुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आदिवासी अंचल डूंगरपुर जिले ने पहल की है और अभियान रूप में 20 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त करते हुए आदर्श स्थापित किया है। जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए ‘रूपारो डूंगरपुर’ अभियान के तहत दिए गए प्रोत्साहन से ग्रामीणों ने स्व-स्फूर्त प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को पूरा करते हुए 36 हजार 532 परिवारों ने अपने घरों में शौचालय का निर्माण कर ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से खुले में शौचमुक्त कर यह उपलब्धि हासिल की है।
44 ग्राम पंचायतों का खुले में शौचमुक्त बनाने का लक्ष्य:
स्वच्छ-निर्मल राजस्थान बनाने के प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लक्ष्य को पूर्ण करते हुए जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में टीम डूंगरपुर ने प्रथम चरण में जिले के समस्त 10 ब्लॉकों की 44 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त करने का लक्ष्य रखते हुए 1331-16 लाख रुपयों की प्रोत्साहन राशि स्वीकृत करते हुए प्रयास आरंभ किए थे।
शनिवार को पांच और रविवार को एक साथ चार ग्राम पंचायतों (पुनाली, आमझरा, करावाड़ा और रेंटा ) ने खुले में शौचमुक्त होने की घोषणा करते हुए स्वच्छता की राह अपनाकर अनुकरणीय उपलब्धि अर्जित की है। जिला प्रशासन के प्रयासों के कारण अब तक खुले में शौचमुक्त हुई पंचायतों में महिपालपुरा, बरौठी, संचिया, बिलपण, भेहणा, जेलाना, झींझवा, आमझरा, पुनाली, कहारी, थाणा, चकमहुड़ी, बोरी, मैताली, वेंजा, करावाड़ा,गैंजी, महुड़ी, विकासनगर तथा रेंटा ग्राम पंचायत सम्मिलित है। जिले में शेष बनी 24 पंचायतों को 15 जनवरी तक खुले में शौचमुक्त घोषित कराने के जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्सवी माहौल में हुए आयोजन:
इन समस्त ग्राम पंचायतों ने ग्रामीणों ने उत्सवी माहौल में शत-प्रतिशत घरों में शौचालय निर्माण के साथ खुले में शौचमुक्त होने की घोषणा की। इस दौरान ग्रामीणों ने न सिर्फ शौचालय निर्माण अपितु शौचालयों के सतत उपयोग का भी संकल्प लिया। इस दौरान इन ग्राम पंचायतों में खुले में शौचमुक्त होने के मौके पर गौरव यात्राओं का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम पंचायतों के नोडल अधिकारियों के साथ हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने ढोल-ढमाकों के साथ पूरे गांव में शोभायात्रा निकालते हुए न सिर्फ अपने उत्साह का इज़हार किया अपितु अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी स्वच्छता का अनुकरणीय संदेश प्रतिध्वनित किया।
इन गौरव यात्राओं में अबाल-वृद्ध, युवक-युवतियों के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों, ग्राम पंचायत स्तर के सरकारी कार्मिकों और जनप्रतिनिधियों ने समान रूप से शिरकत करते हुए ‘रूपारो डूंगरपुर’ के निर्माण के लिए संकल्प को उद्घाटित किया। गौरव यात्रा गांव की गलियों से होकर गुजरी और इसमें ग्रामीण वाद्य यंत्रों की धुनों पर जमकर थिरके और स्वच्छता की राह अपनाने की खुशी व्यक्त की।
इस तरह हासिल हुई उपलब्धि:
ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए जिला प्रशासन की टीम ने दिन-रात एक करते हुए ग्रामीणों को स्वच्छता की राह अपनाने को प्रोत्साहित किया। प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक जिला स्तरीय अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया और डीआरजी और ग्राम पंचायत स्तरीय कार्मिकों को नियोजित करते हुए ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों और युवाओं को इस मिशन का उद्देश्य बताते हुए हर परिवार को शौचालय निर्माण को प्रेरित किया गया।
भोर की पहली किरण से लेकर देर रात्रि तक चलने वाले अभियान का खुद जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने नेतृत्व किया और प्रतिदिन सुबह घुप्प अंधेरे में कलक्टर व नोडल अधिकारी गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों को खुले में शौच नहीं जाने और इसके लिए शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित किया। कलक्टर और अन्य अधिकारियों के इस प्रोत्साहन और उनके जुड़ाव ने इस अभियान को सफल बनाया और हाथों-हाथ ग्रामीणों ने अपने घरों में शौचालयों का निर्माण किया।
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