‘स्वच्छ भारत मिशन’ से बदली छत्तीसगढ़ के गांवों की तस्वीर

रायपुर, 22 मार्च (जनसमा)।  छत्तीसगढ़ में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के शुभारंभ के मात्र डेढ़ साल के भीतर खुले में शौचमुक्त ग्रामों की संख्या एक हजार 849 तक पहुंच गई है। केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार दोपहर को यहां राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता जागरूकता सप्ताह के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने में छत्तीसगढ़ राज्य की भूमिका की सराहना की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार और समाज की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में अच्छे कार्य हो रहे हैं और इस मिशन के तहत छत्तीसगढ़ की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में होने लगी है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन में सराहनीय योगदान के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 24 स्वच्छता प्रेरकों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। समारोह में राज्य की 110 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हम सब मिलकर दिसम्बर 2018 तक छत्तीसगढ़ को खुले में शौचमुक्त राज्य बनाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन को अपना अभियान बनाए। उन्होंने कहा कि यदि बहनें यह संकल्प ले लें तो यह लक्ष्य अवश्य पूरा होगा। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के नवरत्नों से कहा कि अपने गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के बाद अब आसपास के गांवों को भी खुले में शौच से मुक्त होने के लिए प्रेरित करें।

डॉ. सिंह ने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को साफ-सुथरा, स्वच्छ और स्वस्थ परिवेश देने का संकल्प लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छता के साथ-साथ आज पानी बचाने की जरूरत है। यदि हम गांव में बारिश का दस प्रतिशत पानी भी रोक लें तो पूरे वर्ष भर की जरूरतें पूरी हो सकती है। उन्होंने गांवों में तालाब, एनीकट, स्टाप डेम जैसी जल संरक्षण और संवर्धन के लिए आवश्यक अधोसंरचना के विकास को भी जरूरी बताया।

उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए गर्मियों में ऐसी फसलें ली जानी चाहिए, जिनमें पानी की कम जरूरत होती है।