हम अपने से बड़ों का सम्मान करना भूल गए

नई दिल्ली, 26 फरवरी (जनसमा)। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए शुक्रवार को महाराष्ट्र के अमरावती से शिवसेना के संसद सदस्य आनंदराव अडसुल ने कहा कि आज हम अपने से बड़ों का सम्मान करना भूल गए हैं। चाहे कोई पक्ष में हो या विपक्ष में, अपने से बड़ों के प्रति आदर होना चाहिए।

उन्होंने जवाहरलाल नेहरू का उदाहरण देते हुए कहा कि तब नेहरू प्रधानमंत्री थे और अटल बिहारी वाजपेयी युवा नेता के रूप में थे किंतु उनके भाषण को सुनकर नेहरू ने कहा था कि एक दिन आप प्रधानमंत्री बनेंगे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा-राज्यसभा के अध्यक्ष किसी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं होते बल्कि वे देश के लिए सम्मानजनक होते हैं। उनके प्रति जो आदर है, वह दिखना चाहिए।

आनंदराव अडसुल ने सदन में हुए भाषणों की चर्चा करते हुए कहा कि कल एक सदस्य ने कहा था कि ‘मन की बात’ में बक-बक होती है। यह नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति इनके प्रति सम्मान होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि निंदा का मतलब हिदायत होती है। अच्छे कामों की सराहना करनी चाहिए।

अडसुल ने सरकार की अनेक लोक कल्याणकारी योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि गरीबों केे जीवन में इन योजनाओं से सुधार आया है।