अहमदाबाद, 30 अप्रैल (जनसमा)। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजरात चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) की ओर से गांधीनगर में आयोजित सम्मेलन एवं इंडस्ट्रीज एक्स्पो-2016 के उद्घाटन अवसर पर गुजराती व्यापार-वाणिज्य कुशलता एवं परंपरा की सराहना करते हुए कहा कि हम गुजराती व्यापार-वाणिज्य में तो पहले से ही होशियार हैं, जरूरत है तो बस नई दिशा एवं नए अवसरों की, जो ऐसे सम्मेलन एवं एक्स्पो के जरिए हमें प्राप्त हुई है। इसमें गुजरात चेम्बर का भी अहम योगदान है, जिसने सरकार के साथ समानांतर कार्य किया है और जरूरत पड़ने पर सरकार को सकारात्मक सुझाव देने के साथ ही सरकार के नीति निर्माण में सहायक भूमिका अदा की है।
उन्होंने कहा कि ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को ज्यादा प्रभावी बनाकर हम ‘मेक इन इंडिया’ को किस तरह सफल बना सकते हैं, ऐसे एक मंथन के साथ इस सम्मेलन एवं एक्स्पो का आयोजन हुआ है। उन्होंने व्यापार-उद्योग जगत के सरकार के साथ मसलों का समयावधि में निवारण करने के लिए हर सप्ताह सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वरिष्ठ सचिवों की बैठक आयोजित करने की मंशा जताई है।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सरकार ने जिस तरह जीआईडीसी एस्टेट के उद्योगकारों की समस्याओं व शिकायतों के निवारण के लिए हर तीन महीने में ओपन-हाउस आयोजित करने का निर्णय किया है, उसी तर्ज पर व्यापार-उद्योग जगत के मसलों के लिए आयोजित होने वाली यह बैठक भी उपयुक्त साबित होगी।
गुजरात के औद्योगिक निवेश हासिल करने के मामले में अग्रणी रहने की भूमिका में मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फाइनेंशियल टाइम्स की ओर से हाल ही में प्रकाशित की गई रिपोर्ट के अनुसार गुजरात ने वर्ष 2015 में 12.36 बिलियन डॉलर अर्थात करीब 82 हजार करोड़ रुपए का पूंजीगत निवेश (कैपिटल इन्वेस्टमेंट) हासिल किया है। यह निवेश वर्ष 2014 में हासिल किए गए निवेश के मुकाबले छह गुना अधिक है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के जरिए भारत एवं चीन में हुए कुल पूंजीगत निवेश में गुजरात का हिस्सा 10 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि सुशासन, सरल नीतियां, शांतिप्रियता तथा उद्योगों को प्रोत्साहक वातावरण के चलते गुजरात ने यह गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इन सबके पीछे सरकार की नीतियां जवाबदार है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं।
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