नई दिल्ली, 12 अप्रैल। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि भारत में अमेरिका के रक्षा मंत्री डॉ एश्टन कार्टर का स्वागत करते हुए उन्हें बहुत खुशी हो रही है। हम डॉ. कार्टर को एक बड़ा अच्छा दोस्त मानते हैं और भारत और अमरीका के मध्य मजबूत भागीदारी की तरफदारी करते हैं। हम दोनों देशों में सामरिक भागीदारी को और मजबूत करने के लिए उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता और मार्गदर्शन की सराहना करते हैं। उन्होंने ऐसा डॉ. एश्टन कार्टर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में हमारे बीच जो विचार विमर्श हुए हैं वे स्पष्टवादिता और आपसी उद्देश्य की भावना से सराबोर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि भारत-अमरीकी संबंध इस सदी में प्रमुख वैश्विक भागीदारियों में से एक होंगे। कार्टर भारत-अमरीकी रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल के एक प्रमुख वास्तुकार हैं। रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल (डीटीटीआई) ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने में दोनों देशों के लिए अप्रत्याशित मंच उपलब्ध कराया है।
पर्रिकर ने कहा कि हमने जेट इंजन प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में डीटीटीआई के तहत अधिक आक्रामक रूप से विचार विमर्श करने का निर्णय लिया है। हम विमान वाहकों पर संयुक्त कार्यदल के ढांचे में सहयोग के लिए अत्यधिक उपयोगी और लाभदायक विचार विमर्श जारी रखेंगे। हम आपसी सहयोग के लिए नई और महत्वपूर्ण परियोजनाओं को शुरू करने पर भी सहमत हैं।
उन्होंने कहा कि मैं कार्टर द्वारा गोवा की यात्रा करने और भारतीय नौसेना की बेहतरीन क्षमताओं को दर्शाने वाले करवाड़ और आईएनएस विक्रमादित्य में भारतीय नौसेना बेस का दौरा करने का मेरा निमंत्रण स्वीकार करने पर अपने आपको सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उनके ये भ्रमण हमारे संबंधों में समुद्रीय आयाम की बढ़ती हुई महत्ता को दर्शाते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अपने सहयोग को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से मैंने और कार्टर ने दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों के मध्य नई द्विपक्षीय समुद्रीय सुरक्षा वार्ता स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है। हमने पनडुब्बी संबंधित मुद्दों को शामिल करके नौसेनाओं में चल रही वार्ताओं को बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। हमारी सशस्त्र सेनाओं के दरम्यान बढ़ता हुआ विचार विमर्श हमारी द्विपक्षीय भागीदारी का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है। कुछ वर्षों के बाद हम रेडफ्लैग वायुसेना अभ्यास और आरआईएमपीएसी नौसेना अभ्यास जैसे बहुपक्षीय अभ्यासों में भाग ले रहे हैं।
मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जैसे-जैसे हमारे संबंधों में मजबूती आ रही है, हमें ऐसे आदान-प्रदानों को प्रोत्साहित करने के लिए क्रियात्मक कार्यप्रणाली विकसित करने की जरूरत है। इस संदर्भ में मैं और कार्टर सैद्धांतिक रूप से आने वाले महीनों में एक समग्र विनिमय ज्ञापन को अंतिम रूप देने में सहमत हैं। हमने क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण पर भी विचार विमर्श किया है। मैं आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सहयोग करने के लिए उत्सुकता से देख रहा हूं। भारत और अमेरिका कानून आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए मजबूती से प्रतिबद्ध हैं। मैं उनकी इस यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए आने वाले दिनों में उनके साथ काम करने के लिए बहुत उत्सुक हूं।
Follow @JansamacharNews