हम वही काम करेंगे, जो सही है: नीतीश

पटना, 23 जनवरी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जयंती के अवसर पर कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का दस्तावेज जारी होना चाहिये और लोगों को इसके बारे में अपना स्वतंत्र मनन एवं चिंतन करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की फाइलें जारी हो रही हैं। इसमें कोई खास बात नहीं है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के दस्तावेज जो उपलब्ध हैं, वह जारी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। वैसे लोग जिनका आजादी की लड़ाई में कोई लेना-देना नहीं था, वे इसे जारी करने जा रहे हैं। उनकी कोशिश है आजादी की लड़ाई की विभिन्न धाराओं के बीच कंफिलिक्ट पैदा की जाएं। उन्होंने कहा कि सब लोग ये बात समझते हैं।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नई पीढ़ी भी जिनको यह मालूम है कि देश को कितने लम्बे एवं कठिन संघर्ष के बाद आजादी मिली। आज देश आजाद है, लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है। ये अगर उसका कोई एंगिल बनाना चाहते हैं तो सही नहीं होगा। चूंकि आजादी की लड़ाई में सबका अपने ढ़ंग से योगदान था। प. नेहरू जी का योगदान है, सबको मालूम है। नेताजी का योगदान है, सबको मालूम है और देश के लोग सभी की इज्जत करते हैं। अगर ये कंफिलिक्ट भी पैदा करना चाहेंगे तो मैं नहीं समझता हॅू कि इसका कोई प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में हमारे पूर्वजों ने कितना बड़ा संघर्ष किया है इसको नहीं भूलना चाहिये।

पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि जदयू विधायक सरफराज आलम पर डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में सफर के दौरान दिल्ली के दंपति के साथ बदसलूकी एवं छेड़खानी करने का आरोप हैं। रेल पुलिस ने इन आरोपों को सही पाते हुए उन्हें पूछताछ के लिये बुलाया है, क्या जदयू कार्रवाई करेगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी। जदयू में पहले से ही कोड ऑफ कंडक्ट है। अगर इस प्रकार के गैर कानूनी हरकत जदयू का कोई सदस्य, विधायक या सांसद या किसी बड़े पद पर बैठे लोग करते है तो हमारे यहां सब पर सामान रूप से आचार संहिता लागू होती है।

उन्होंने कहा कि जब ये घटना प्रकाश में आई तो उसी समय सरफराज आलम ने हमारे आफिस में फोन पर हमसे बात किया था। हमनें उन्हें 19 तारीख को मिलने का समय दिया था, जब वे 19 तारीख को नहीं आए तो हमको लग गया कि मामला कुछ है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को आजादी है, पुलिस अपना काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आचरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कानूनी कार्रवाई चल रही है। जांच एजेंसी को जांच करने का पूर्ण अधिकार है। वे अपना काम कर रहे हैं। एक-एक सबूत और प्रमाण को जुटाकर कार्रवाई चल रही है। कार्रवाई तार्किक परिणिति तक जायेगी।

उन्होंने कहा कि उनके आचरण के मद्देनजर कार्रवाई होगी। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव जी आ रहे हैं, प्रदेश अध्यक्ष से हमारी बातचीत दो दिन पहले हो चुकी है और हमलोग बैठकर निर्णय लेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मामला और सामने आ रहा है। विधायक बीमा भारती और पूर्णिया के सांसद पर आरोप है कि वे थाने पर जाकर बीमा भारती के पति को छुड़ाकर ले गये हैं, इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। कोई भी संलिप्तता उजागर हुई तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की आचार संहिता है, इससे सब लोग वाकिफ हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में हमारे यहां कार्रवाई करने में किसी प्रकार की हिचक या संकोच नहीं होता। हम अपनी कार्रवाई करते है। सबको कानून का पालन करना चाहिये। सार्वजनिक जीवन में आचरण ऐसा हो कि लोग उससे सीखे। उन्होंने कहा कि जहां तक कानूनी कार्रवाई का प्रश्न है, मामला आने पर कानून निष्पक्षता के साथ अपना काम करेगा। चाहे वह किसी पार्टी का हो या न हो। कानून को लागू करने वाली एजेंसी निष्पक्षता के साथ अपना काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई घटना घटती है तो उसका खूब हाइलाइट होती है। जब घटना का उद्भेदन होता है तो उसे प्रमुखता नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि लोगों ने मुझ पर भरोसा किया है। लोगों का भरोसा कायम रहे, हम लोगों के भरोसे को टूटने नहीं देंगे। चुनाव के पहले हमारे विरोधी सोचते थे कि हम सत्ता में आने वाले हैं ही नहीं। वे अपना काम करें। पिछले विधानसभा चुनाव में वे जहर उगल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम वही काम करेंगे, जो सही है। हमने चुनाव के पूर्व मद्य निषेध का वचन दिया था। चुनाव के बाद सता में आने पर मद्य निषेध लागू करने का हम अपना वचन पूरा कर रहे हैं। एक अप्रैल 2016 से मद्य निषेध लागू होगा। चरणबद्ध तरीके से मद्य निषेध लागू करेंगे ।

नीतीश कुमार ने कहा कि हम अपने विरोधियों से विनम्र निवेदन करते हैं कि छोटी-छोटी बातों को मुद्दा न बनाया करें। हम लोगों के जननायक कर्पूरी जी हैं। जब से उनका देहावसान हुआ, तभी से हमलोग उनकी जयंती मनाते आ रहे हैं। उनकी जयंती पर एसकेएम हॉल के विवाद को बवंडर बना दिया गया है, अच्छा नहीं लगता है। छोटी-छोटी चीजों में मतभेद नहीं होना चाहिये। हाईकोर्ट का भी फैसला हो गया है। जननायक कर्पूरी जी की जयंती मनाने के संबंध में अकारण ही विवाद है। अगर हमसे कहा जाता कि श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कर्पूरी जी की जयंती हम ही मनायेंगे तो जदयू के लोग कहीं दूसरे जगह कर्पूरी जयंती मनाते। तिल का ताड़ बनाया जाता है। आज एक अमर स्वतंत्रता सेनानी की जयंती है तो संकल्प लेना चाहिये कि समाज में प्रेम का वातावरण बना रहे। जननायक कर्पूरी जी के विचार के विरोधी कर्पूरी जी की जयंती मनाने के लिये विवाद उत्पन्न कर रहे हैं, इससे यह साबित होता है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारधारा में इतनी ताकत है कि उनके विचारधारा के विरोधियों को भी जयंती मनानी पड़ रही है ।

पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित बेमुला की खुदकुशी पर प्रधानमंत्री ने देर से अपनी बात कही है लेकिन ये सिर्फ उनकी मां ने एक लाल नहीं खोया है बल्कि ये हमारे देश में जो असहिष्णुता का वातावरण है, को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि दलित छात्रों को रिसर्च स्कॉलर बनकर रिसर्च करने का अधिकार नहीं है। यह कौन सी बात है। किस बात को लेकर उनको निकाला गया। मात्र दलित होने के कारण उनके स्कॉलरशीप को रोका गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रेडियो के माध्यम से अपने मन की बात करते हैं। अगर कोई मनमुताबिक काम करे तो वो गलत है। ये सारी चीजें ऐसी हैं कि सिर्फ लड़के की मां ने न केवल लाल खोया है बल्कि देश का जो वातावरण है, उसे ठीक करने की कोशिश करना चाहिये। हर किसी के मन में लालच होता है कि हम अपने विचार को आगे बढ़ायें। इसके चक्कर में दूसरे के विचारों का गला नहीं घोंट सकते हैं। अगर कोई भ्रम पालता है या देश में जो सतारूढ़ दल है, वह अगर मान लेगा कि अपनी विचारधारा को देश में थोप देगा तो इसमें वह नाकाम होगा ।

फाईल फोटो नीतीश कुमारः आईएएनएस