चंडीगढ़, 10 मई (जनसमा)। हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने सोमवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने तथा दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए हरियाणा ने देश में पहली बार पैरी-अर्बन एग्रीकल्चर की अवधारणा को साकार रूप देने की पहल की है और आगामी 10 वर्षों में प्रदेश के कृषि योग्य कुल 36 लाख हैक्टेयर भूमि के एक चौथाई हिस्से को बागवानी फसलों के अधीन लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
धनखड़ ने यह जानकारी यहां एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोंधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि चीन के बीजिंग शहर की तर्ज पर पैरी-अर्बन एग्रीकल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे एनसीआर क्षेत्र की दूध, डेयरी, सब्जी, फल, फूल तथा पोल्ट्री उत्पादों की मांग पूरी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि अन्य खाद्यान्नों को तो देश के अन्य प्रांतों से मंगाया जा सकता है। परन्तु प्रतिदिन की आवश्यकता वाले उत्पादों को बाहर के राज्यों से मंगवाना में असुविधा होती है और यह मंहगा भी पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान सक्षम किसान है और पैरी-अर्बन एग्रीकल्चर के लिए परम्पागत फसलों के मुकाबले अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी और बैठक के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड व केंद्रीय कृषि मंत्रालय के समक्ष इसके लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीन ओर से हरियाणा सटा है और इसके किसी भी भाग से चार से पांच घंटे के सफर से दिल्ली पहुंचा जा सकता है।
धनखड़ ने कहा कि पैरी-अर्बन एग्रीकल्चर के लिए संरक्षित खेती पॉली हाऊस, टिकाऊ बाजार, फसल प्रबंधन, फसल प्रबंधन विपणन प्रणाली के लिए एक सुनियोजित व्यवस्था खड़ी करने की आवश्यकता है। कृषि मंत्री ने कहा कि ई-मंडी की अवधारणा को भी इससे जोड़ा जाएगा।
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